Local Winds | स्थानीय पवनें
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Local Winds | स्थानीय पवनें
Local Winds | स्थानीय पवनें | लघु क्षेत्र में सीमित एवं स्थानीय दशाओं से उद्भूत हवाओं को स्थानीय पवन कहा जाता है | स्थानीय पवनों को तृतीयक वायुमंडलीय परिसंचरण के अंतर्गत रखा जाता है | कुछ स्थानीय पवनें 24 घंटे के अंदर ही दिशा परिवर्तन कर लेती हैं तथा एक चक्र पूर्ण कर लेती हैं | जैसे स्थलीय एवं जलीय समीर तथा पर्वत एवं घाटी समीर | इस तरह की दैनिक स्थानीय हवाओं को सामयिक पवन कहा जाता है | इसके अलावा कुछ स्थानीय पवने अल्प अवधी में प्रवाहित होती हैं इन्हे असामयिक पवनें कहा जाता है | तापीय विशेषताओं के आधार पर इन्हे शीत एवं गर्म स्थानीय पवनो के नाम से जाना जाता है |
Local Winds | Winds arising from limited and local conditions in a small area are called local winds. Local winds are placed under tertiary atmospheric circulation. Some local winds change direction and complete a cycle within 24 hours. Like terrestrial and aquatic breeze and mountain and valley breeze. Such daily local winds are called seasonal winds. Apart from this, some local winds flow in a short period, these are called untimely winds. On the basis of thermal characteristics, they are known as cold and warm local winds.
सामयिक स्थानीय पवनें | स्थलीय एवं जलीय समीर
स्थल समीर एवं जल समीर अथवा समुद्र समीर का उद्भव समुद्र तटीय प्रदेशों में स्थल एवं जल राशि की अलग तापन की दर के कारण होता है | दिन के समय स्थल भाग समीप के समुद्री भाग से जल्दी गर्म हो जाता है तथा जलीय भाग अपेक्षाकृत ठंडा रहता है जिसके कारण स्थल भाग पर निम्न दाब एवं जलीय भाग पर उच्च वायु दाब स्थापित हो जाता है | अपने प्राकृतिक स्वभाव के अनुसार पवनें उच्च वायु दाब से निम्न वायु दाब की और चलती हैं फलस्वरूप जलीय भाग से पवनें स्थल भाग की और चलती हैं इन्हे समुद्र समीर अथवा जलीय समीर कहा जाता है |
The origin of land breeze and water breeze or sea breeze is due to the different heating rates of land and water in the coastal regions. During the day, the land part gets heated faster than the nearby sea part and the water part remains relatively cool, due to which low pressure is established on the land part and high air pressure on the water part. According to its natural nature, winds move from high air pressure to low air pressure, as a result, winds move from the water part to the land part, they are called sea breeze.
रात्रि के समय इसके विपरीत स्थिति उत्पन्न हो जाती है | स्थल भाग ठंडा एवं जलीय भाग अपेक्षाकृत गर्म रहता है जिससे पवनें स्थल से समुद्र की और चलती हैं इन्हे स्थल समीर कहते हैं |
At night, the opposite situation arises. The land part is cold and the water part is relatively warm, due to which the winds blow from the land to the sea, these are called land breeze.
सामयिक स्थानीय पवनें | पर्वत एवं घाटी समीर
पर्वतीय भागों में पर्वतों के शीर्ष दिन के समय अधिक गर्म हो जाते हैं एवं घाटी अपेक्षाकृत रूप से ठंडी रहती हैं जिस से दिन के समय घाटी के निम्न दाब से पवन पर्वतो के शीर्ष के उच्च दाब की ओर चलती हैं इन्हे घाटी समीर कहा जाता है |
In mountainous areas, the top of the mountains become more hot during the day and the valley remains relatively cool, due to which the winds move from the low pressure of the valley during the day to the high pressure of the top of the mountains, these are called valley breeze.
रात्रि के समय पर्वतो के शीर्ष अत्यधिक ठन्डे हो जाते हैं एवं घाटी के निचले भाग गर्म रहते हैं जिससे शीर्ष से घाटी की और पर्वत समीर चलती हैं जिसके कारण घाटी में कोहरा छा जाता है |
At night, the top of the mountains become extremely cold and the lower part of the valley remains warm, due to which the top of the valley and the mountain breeze move, due to which the fog envelops the valley.
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