Endogenic and Exogenic Forces

Endogenic and Exogenic Forces(Geography Notes) | अंतर्जात बल एवं बहिर्जात बल : पृथ्वी की स्थलरूप प्रक्रियाएँ और गतियां

स्थलरूप प्रक्रियाएँ पृथ्वी की सतह को आकार देने वाली विभिन्न गतियों और गतिविधियों का वर्णन करती हैं। इन प्रक्रियाओं को मुख्यतः दो वर्गों में बाँटा गया है: अंतर्जात और बहिर्जात प्रक्रियाएँ।

अंतर्जात प्रक्रियाएँ (Endogenic Processes)

यह प्रक्रियाएँ पृथ्वी के आंतरिक भाग से उत्पन्न होती हैं। इसमें मुख्यतः दो प्रकार की गतियाँ शामिल हैं:

1. विवर्तनिक गतियाँ (Diastrophism)

यह पृथ्वी की पर्पटी (क्रस्ट) की गति और विकृति से संबंधित है। इसमें दो प्रकार की गतियाँ आती हैं:

  • ओरोजेनी (Orogeny): पर्वत निर्माण की प्रक्रिया।
  • एपीरोजेनी (Epeirogeny): महाद्वीपों के उठने और गिरने की प्रक्रिया।

2. ज्वालामुखी गतिविधियाँ (Volcanism)

यह पृथ्वी की सतह पर लावा, गैसों और अन्य सामग्री का उत्सर्जन है, जो मुख्यतः ज्वालामुखियों से होता है।

बहिर्जात प्रक्रियाएँ (Exogenic Processes)

यह प्रक्रियाएँ बाहरी स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त करती हैं और इनमें मुख्यतः निम्नलिखित प्रक्रियाएँ शामिल हैं:

1. अपक्षय (Weathering)

यह प्रक्रिया चट्टानों के टूटने और विघटन से संबंधित है। इसे तीन प्रकार में विभाजित किया जा सकता है:

  • भौतिक अपक्षय (Physical Weathering): चट्टानों का यांत्रिक टूटना।
  • रासायनिक अपक्षय (Chemical Weathering): चट्टानों का रासायनिक विघटन।
  • जैविक अपक्षय (Biological Weathering): पौधों और जीवों द्वारा चट्टानों का टूटना।

2. अपरदन (Erosion)

यह प्रक्रिया जल, वायु और बर्फ द्वारा सामग्री का हटाया जाना है।

3. परिवहन (Transportation)

यह प्रक्रिया अपक्षय और अपरदन से उत्पन्न सामग्री का एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरण है।

4. निक्षेपण (Deposition)

यह प्रक्रिया सामग्री के निचले स्थान पर जमा होने से संबंधित है।

इन प्रक्रियाओं का पृथ्वी की स्थलरूप संरचनाओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जो समय के साथ लगातार परिवर्तित होती रहती हैं।

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