Plate Tectonic Theory

Plate Tectonic Theory | प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत

Plate Tectonic Theory

Plate Tectonic Theory. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत महाद्वीपों एवं महासागरों के सञ्चालन से सम्बंधित सिद्धांत है | इसमें पृथ्वी को अलग अलग प्लेटों में विभाजित माना गया है | स्थलीय दृढ भूखंड को प्लेट कहते हैं | प्लेटों के स्वभाव एवं प्रवाह से सम्बंधित अध्ययन को प्लेट विवर्तनिकी कहा जाता है |

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत का प्रतिपादन 1965 ई में मॉर्गन व आइजेक ने किया | मकेंजी , पार्कर व होम्स इसके मुख्य समर्थक हैं |

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत में पृथ्वी की भू पर्पटी को अनेक प्लेटों में विभक्त किया गया है | ये प्लेटें 100किमी की मोटाई वाले स्थल मंडल से निर्मित होती हैं तथा दुर्बलमंडल (एस्थेनोस्फेयर ) पर तैरती रहती हैं | अभी तक 7 बड़ी एवं 20 छोटी प्लेटों का पता लगाया गया है | plate tectonic theory. according to plate tectonic theory. tectonic plates movement.

Plate Tectonic Theory | प्रमुख प्लेटें

  • अफ़्रीकी प्लेट
  • उत्तरी अमेरिकी प्लेट
  • दक्षिणी अमेरिकी प्लेट
  • अन्टार्कटिका प्लेट
  • इंडो ऑस्ट्रलियन प्लेट
  • यूरेशियन प्लेट
  • प्रशांत महासागरीय प्लेट

Plate Tectonic Theory | लघु प्लेटें

  • अरेबियन प्लेट
  • बिस्मार्क प्लेट
  • केरिबियन प्लेट
  • केरोलिना प्लेट
  • कोकोस प्लेट
  • जुआन डी फूका प्लेट
  • नाजका प्लेट
  • स्कोटिश प्लेट
  • इंडियन प्लेट
  • पर्शियन प्लेट
  • अनातोलियन प्लेट
  • चाइना प्लेट
  • फूजी प्लेट
  • सोमाली प्लेट
  • बर्मी प्लेट

Plate Tectonic Theory | प्लेट सीमाएं अथवा किनारे

भूगार्भिक दृष्टिकोण से प्लेट किनारे सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इन्हीं के सहारे भूकंप , ज्वालामुखी एवं अन्य विवर्तनिक घटनाएँ संपन्न होती हैं |

सामान्यतः प्लेट किनारों को तीन वर्गों में विभाजित किया गया है –

  1. रचनात्मक प्लेट किनारा – दो तापीय संवहन तरंगो के ऊपरी मुखी स्तंभों के ऊपर अवस्थित हैं | यहाँ से दो प्लेट एक दुसरे से विपरीत दिशा में गतिशील होती हैं  जिससे दोनों के मध्य भ्रंश दरार का निर्माण होता है तथा एस्थेनोस्फेयर का मैग्मा ऊपर आता है एवं नयी क्रस्ट का निर्माण होता है इस लिए इसे रचनात्मक किनारा कहा जाता है | इस किनारे पर प्लेटों की गति अपसारी गति कहलाती है |
  2. विनाशात्मक प्लेट किनारा – दो तापीय संवहन तरंगो के अधोमुखी स्तंभों के ऊपर अवस्थित है इससे दो प्लेटें एक दुसरे की ओर गति करती हैं तथा भारी प्लेट का क्षेपण हलकी प्लेट के निचे होता है इससे क्रस्ट का विनाश होता है अतः इसे विनाशात्मक प्लेट किनारा कहते हैं | इस क्षेत्र को बेनी ऑफ़ जोन कहा जाता है |
  3. संरक्षी प्लेट किनारा – जब दो प्लेटें एक दुसरे के समानांतर गति करती हैं तब ऐसा किनारा संरक्षी किनारा कहलाता है | इनके किनारे रूपांतर भ्रंश का निर्माण होता है एवं भूकंप का अनुभव किया जाता है |

प्लेटों की गति के कारण

  • भू पर्पटी का घनत्व एस्थेनो स्फीयर से कम होना |
  • मेंटल में उत्पन्न संवहन तरंगे प्लेटों की गति हेतु ऊष्मा के स्त्रोत का काम करती हैं |
  • गुरुत्वाकर्षण फिसलन |
  • पृथ्वी का घूर्णन एवं सूर्य व चन्द्रमा के कारण उत्पन्न ज्वारीय घर्षण |
  • प्लूम या ऊपर उठती बेलनाकार तरंगें |

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Endogenic and Exogenic Forces

Endogenic and Exogenic Forces(Geography Notes) | अंतर्जात बल एवं बहिर्जात बल : पृथ्वी की स्थलरूप प्रक्रियाएँ और गतियां

स्थलरूप प्रक्रियाएँ पृथ्वी की सतह को आकार देने वाली विभिन्न गतियों और गतिविधियों का वर्णन करती हैं। इन प्रक्रियाओं को मुख्यतः दो वर्गों में बाँटा गया है: अंतर्जात और बहिर्जात प्रक्रियाएँ।

अंतर्जात प्रक्रियाएँ (Endogenic Processes)

यह प्रक्रियाएँ पृथ्वी के आंतरिक भाग से उत्पन्न होती हैं। इसमें मुख्यतः दो प्रकार की गतियाँ शामिल हैं:

1. विवर्तनिक गतियाँ (Diastrophism)

यह पृथ्वी की पर्पटी (क्रस्ट) की गति और विकृति से संबंधित है। इसमें दो प्रकार की गतियाँ आती हैं:

  • ओरोजेनी (Orogeny): पर्वत निर्माण की प्रक्रिया।
  • एपीरोजेनी (Epeirogeny): महाद्वीपों के उठने और गिरने की प्रक्रिया।

2. ज्वालामुखी गतिविधियाँ (Volcanism)

यह पृथ्वी की सतह पर लावा, गैसों और अन्य सामग्री का उत्सर्जन है, जो मुख्यतः ज्वालामुखियों से होता है।

बहिर्जात प्रक्रियाएँ (Exogenic Processes)

यह प्रक्रियाएँ बाहरी स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त करती हैं और इनमें मुख्यतः निम्नलिखित प्रक्रियाएँ शामिल हैं:

1. अपक्षय (Weathering)

यह प्रक्रिया चट्टानों के टूटने और विघटन से संबंधित है। इसे तीन प्रकार में विभाजित किया जा सकता है:

  • भौतिक अपक्षय (Physical Weathering): चट्टानों का यांत्रिक टूटना।
  • रासायनिक अपक्षय (Chemical Weathering): चट्टानों का रासायनिक विघटन।
  • जैविक अपक्षय (Biological Weathering): पौधों और जीवों द्वारा चट्टानों का टूटना।

2. अपरदन (Erosion)

यह प्रक्रिया जल, वायु और बर्फ द्वारा सामग्री का हटाया जाना है।

3. परिवहन (Transportation)

यह प्रक्रिया अपक्षय और अपरदन से उत्पन्न सामग्री का एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरण है।

4. निक्षेपण (Deposition)

यह प्रक्रिया सामग्री के निचले स्थान पर जमा होने से संबंधित है।

इन प्रक्रियाओं का पृथ्वी की स्थलरूप संरचनाओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जो समय के साथ लगातार परिवर्तित होती रहती हैं।

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प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत (Plate Tectonics Theory)

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत (Plate Tectonics Theory): The theory of plate tectonics is the theory related to the movement of continents and oceans. In this the earth is considered to be divided into different plates. Terrestrial rigid land is called plate. The study related to the nature and flow of plates is called plate tectonics.
The theory of plate tectonics was propounded by Morgan and Isaac in 1965. McKenzie, Parker and Holmes are its main supporters.
In the theory of plate tectonics, the Earth's crust has been divided into several plates. These plates are made of lithosphere with a thickness of 100 km and float on the asthenosphere. So far 7 major and 20 minor plates have been detected.

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत (Plate Tectonics Theory):PLATE TECTONICS THEORY | Major Plates

  • African plate
  • North American plate
  • South American plate
  • Antarctica plate
  • Indo Australian Plate
  • Eurasian plate
  • Pacific oceanic plate

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत (Plate Tectonics Theory):PLATE TECTONICS THEORY | Minor Plates

  • Arabian Plate
  • Bismarck plate
  • Caribbean plate
  • Carolina plate
  • Cocos Plate
  • Juan de Fuca Plate
  • Nazca plate
  • Scottish plate
  • Indian plate
  • Persian plate
  • Anatolian Plate
  • China plate
  • Fuji plate
  • Somali Plate
  • Burmese Plate

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत (Plate Tectonics Theory):PLATE TECTONICS THEORY | Types of Plate Margin

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत (Plate Tectonics Theory):Plate Margins are most important from the geological point of view because earthquakes, volcanoes and other tectonic events take place with their help.

Generally plate Margins are divided into three classes –
1. Constructive Plate Margin – located above the upper facing pillars of two thermal convection waves. From here two plates move in the opposite direction from each other, due to which a rift is formed between the two and the magma of the asthenosphere comes up and a new crust is formed, hence it is called a constructive edge. The movement of plates along this edge is called divergent movement.
2. Destructive Plate Margin - located above the downward column of two thermal convection waves, due to which two plates move towards each other and the heavier plate is thrown below the lighter plate, due to which the crust is destroyed, hence it is called destructive plate edge. This area is called Benni off Zone.
3. Conservative Plate Margin - When two plates move parallel to each other, then such an edge is called a conservative margin. A transform fault is formed on their sides and earthquakes are experienced.

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत (Plate Tectonics Theory):Reason for Plate Movement

  • The density of the Earth’s crust is less than that of the asthenosphere.
  • Convection waves generated in the mantle act as a source of heat for the movement of the plates.
  • Gravitational Slippery |
  • Rotation of the Earth and tidal friction caused by the Sun and the Moon.
  • Plumes or rising cylindrical waves.

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Internal Structure of Earth

Internal Structure of Earth | पृथ्वी की आंतरिक संरचना

Internal Structure of Earth | पृथ्वी की आंतरिक संरचना से तात्पर्य पृथ्वी की सतह से उसके केन्द्र तक लंबवत संरचना से है। भूगोलविदों एवं भूवैज्ञानिकों नें पृथ्वी की आंतरिक संरचना को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा है।

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Internal Structure of Earth | भूपर्पटी (crust)

Internal Structure of Earth | यह ठोस पृथ्वी का सबसे बाहरी भाग है। यह बहुत भंगुर (Brittle) भाग है जिसमें जल्दी टूट जाने की प्रवृत्ति पाई जाती है। भूपर्पटी की मोटाई महाद्वीपों व महासागरों  के नीचे अलग.अलग है। महासागरों में भूपर्पटी की मोटाई महाद्वीपों की तुलना में कम है। महासागरों के नीचे इसकी औसत मोटाई 5 कि0 मी0 है| जबकि महाद्वीपों के नीचे यह 30 कि0 मी0 तक है। मुख्य पर्वतीय शृंखलाओं के क्षेत्रा में यह मोटाई और भी अधिक है। हिमालय पर्वत श्रेणियों के नीचे भूपर्पटी की मोटाई लगभग 70 कि0मी0 तक है |

Internal Structure of Earth | मैंटल (Mantle)

Internal Structure of Earth | भूगर्भ में पर्पटी के नीचे का भाग मैंटल कहलाता है। यह मोहो असांतत्य से आरंभ होकर 2,900 कि0 मी0 की गहराई तक पाया जाता है। मैंटल का ऊपरी भाग दुर्बलतामंडल कहा जाता है। ‘एस्थेनो’ शब्द का अर्थ दुर्बलता से है। इसका विस्तार 400 कि0मी0 तक आँका गया है। ज्वालामुखी उद्गार के दौरान जो लावा धरातल पर पहुँचता है, उसका मुख्य स्त्रोत यही है। भूपर्पटी एवं मैंटल का ऊपरी भाग मिलकर स्थलमंडल कहलाते हैं। इसकी मोटाई 10 से 200 कि0 मी0 के बीच पाई जाती है। निचले मैंटल का विस्तार दुर्बलतामंडल के समाप्त हो जाने वेफ बाद तक है। यह ठोस अवस्था में है।

क्रोड (Core)

जैसा कि पहले ही इंगित किया जा चुका है कि भूकंपीय तरंगों  ने पृथ्वी के क्रोड को समझने में सहायता की है। क्रोड व मैंटल की सीमा 2,900 कि0मी0 की गहराई पर है।  बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है जबकि आंतरिक क्रोड ठोस अवस्था में है। क्रोड भारी पदार्थों मुख्यतः निकिल व लोहे का बना है। इसे निफे  परत के नाम से भी जाना जाता है।


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The Pacific Ring of Fire

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The Pacific Ring of Fire || Andesite line

The Pacific Ring of Fire, a region encircling the Pacific Ocean, holds a fiery reputation as one of the most geologically active areas on Earth. This vast arc stretches for approximately 40,000 kilometers and is home to about 75% of the world’s active volcanoes. In this blog, we will embark on a journey into the awe-inspiring realm of the Pacific Ring of Fire, exploring its geological wonders, volcanic activity, and seismic forces that shape our planet.

Understanding the Tectonic Dance:

The Pacific Ring of Fire owes its existence to the interactions between several tectonic plates that converge along its boundaries. The boundaries primarily consist of subduction zones, where one tectonic plate slides beneath another. These subduction zones are responsible for the creation of volcanic arcs, mountain ranges, and deep ocean trenches, making the Pacific Ring of Fire a geological hotspot.

Volcanic Splendor:

The Pacific Ring of Fire boasts an impressive array of volcanoes, both active and dormant. From Mount Fuji in Japan to Mount Rainier in the United States, these towering giants punctuate the landscape with their majesty. The volcanic eruptions in this region not only create breathtaking sights but also contribute to the formation of new landmasses and release gases and minerals that enrich the Earth’s crust.

The Fury of Earthquakes:

Along with volcanoes, the Pacific Ring of Fire is renowned for its seismic activity. The collision and subduction of tectonic plates lead to intense pressure and strain, resulting in frequent earthquakes. Major fault lines, such as the San Andreas Fault in California and the Great Sumatra Fault, traverse the region, making it vulnerable to powerful seismic events that can have significant societal and environmental impacts.

Submarine Mysteries:

Beneath the Pacific Ocean’s surface lies a hidden world of undersea volcanoes, hydrothermal vents, and submerged mountain ranges. These submarine features contribute to the unique geography of the Ring of Fire and support diverse ecosystems teeming with marine life. Exploring these underwater realms not only expands our knowledge of Earth’s geology but also uncovers fascinating species and ecological interactions.

Impacts on Human Settlements:

The Pacific Ring of Fire’s dynamic geology has significant implications for human settlements in the region. The frequent volcanic eruptions, earthquakes, and tsunamis pose challenges and risks to communities residing along the Ring of Fire’s coastlines. However, these challenges have also fostered resilience and adaptation among the people who call this region home.

Conclusion:

The Pacific Ring of Fire stands as a testament to the raw power and geological beauty of our planet. From the fiery eruptions of volcanoes to the rumbling tectonic shifts that shape landscapes, this region offers a glimpse into Earth’s dynamic nature. While the Pacific Ring of Fire presents challenges and risks, it also presents unique opportunities for scientific research, natural resource exploration, and the marvel of nature’s creative forces. As we continue to study and understand this magnificent geological theater, we gain a deeper appreciation for the interconnectedness of Earth’s processes and the delicate balance of life on our planet.


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