Atmospheric Pressure NET | वायुदाब Atmospheric Pressure NET UPSC
Atmospheric Pressure NET UPSC | वायुदाब :Atmospheric Pressure. किसी स्थान पर इकाई क्षेत्रफल पर वायुमंडल की समस्त परतों द्वारा पड़ने वाला भार वायुदाब कहलाता है | पृथ्वी कि सतह पर वायुमंडल गुरुत्वाकर्षण बल के कारण वायुदाब डालता है |
वायुदाब का मापन – वायुदाब को बैरोमीटर (फॉरट्रीन या अनेरोइड )द्वारा मापा जाता है | वायुदाब नापने की इकाई मिलिबार या हेक्टोपास्कल है | भारत में प्रचलित इकाई मिलिबार है | 1 मिलिबार 1 वर्ग सेमी पर एक ग्राम भार के बराबर होता है |
बैरोमीटर के पठन में तेजी से गिरावट तूफान आने का संकेत देती है | पठन का तेजी से लगातार बढ़ना साफ़ मौसम या प्रतिचक्र्वातीय दशा का संकेत है | वायुदाब के वितरण को समदाब रेखाओ के द्वारा दर्शाया जाता है |
समदाब रेखाएं समुद्र तल पर समान वायुदाब वाले स्थानों को मिलाने से बनती है | इसमें वायुदाब पर ऊंचाई का प्रभाव हटा दिया जाता है | दो सम वायुदाब रेखाओ के बीच की दूरी वायुदाब प्रवणता / बेरोमेट्रिक ढाल कहलाती है |
Atmospheric Pressure NET UPSC | वायुदाब का वितरण
वायुदाब का वितरण दो प्रकार से होता है –
उर्ध्वाधर वितरण – सामान्यतया ऊंचाई बढ़ने पर वायुदाब कम होता जाता है | प्रत्येक 10 मीटर की ऊंचाई पर एक मिलिबार की कमी आती है | 6 किमी की ऊंचाई पर वायुदाब लगभग आधा रह जाता है | वायुमंडल की निचली परतो में भरी गैसे पाई जाती है तथा गुरुत्वाकर्षण बल अधिक लगता है |
क्षैतिज वितरण – पृथ्वी पर कुल 7 वायुदाब कटिबंध पाए जाते हैं | भूमध्य रेखीय निम्न दाब कटिबंध एवं ध्रुवीय उच्च वायुदाब कटिबंध तापजनित हैं जबकि दोनों गोलार्धो में 30-35 डिग्री कटिबंध उपोष्ण उच्च वायुदाब कटिबंध एवं 60-65 डिग्री पर उपध्रुवीय निम्न वायुदाब कटिबंध गतिजन्य हैं |
30-35 अक्षांश को अश्व अक्षांश कहा जाता है क्योंकि प्राचीन कल में घोड़ो को ले जाने वाली नौकाओं के आसन नौवहन के लिए घोड़ो को कभी कभी समुद्र में फेंक दिया जाता था |
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