महात्मा विदुर के 20 अनमोल वचन जो बदल देंगे आपका जीवन
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“अपना और जगत का कल्याण अथवाउन्नति चाहने वाले मनुष्य को तंद्रा, निद्रा, भय,क्रोध, आलस्य और प्रमाद।यह छह दोष हमेशा के लिए त्याग देने चाहिए।“~ विदुर
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“क्षमा को दोष नहीं मानना चाहिए,निश्चय ही क्षमा परम बल है।क्षमा निर्बल मनुष्यों का गुण हैऔर बलवानों का क्षमा भूषण है।“~ विदुर
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“जिस धन को कमाने में मन तथा शरीर का क्लेश हो,धर्म को उलंघन करना पड़े तथा सर शत्रु के सामनेझुकना पड़ जाये। ऐसे धन को प्राप्त करने काविचार त्यागना ही बेहतर होता है।”
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“काम, क्रोध और लोभ यह तीन प्रकार के नरकयानी दुखों की ओर जाने के मार्ग है।यह तीनों आत्मा का नाश करने वाले हैं,इसलिए इनसे हमेशा दूर रहना चाहिए।“~ विदुर
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6 प्रकार के मनुष्य हमेशा दुखी हीं रहते हैं:दूसरों से ईर्ष्या करने वाला, नफरत करने वाला, असंतोषी,बात-बात पर क्रोध करने वाला,जिसे शक करने की आदत हो गई होऔर दूसरों के सहारे जीवन निर्वाह करने वाला.
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“जो व्यक्ति अपने मन को काबू में नहीं रख पाता,वह कभी सफलता प्राप्त नहीं कर पाता।”
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ये 6 सुख हैं : नीरोग रहना, किसी काकर्जदार न होना, परदेश में नहीं रहना,अच्छे लोगों के साथ मेलजोल बनाये रखना,अपनी वृत्ति से जीविका चलाना और निडर होकर रहना.