
UPSC IAS Geography Optional Syllabus:परिचय
UPSC IAS Geography Optional Syllabus: UPSC IAS परीक्षा में भूगोल वैकल्पिक (Geography Optional) सबसे लोकप्रिय विषयों में से एक है। यह विषय न केवल सिविल सेवा अभ्यर्थियों के लिए उपयोगी है बल्कि UGC NET, राज्य लोक सेवा आयोग (PCS), SSC एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी सहायक है।
यदि आप भूगोल को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनते हैं तो आपको इसका विस्तृत सिलेबस समझना आवश्यक है। यहाँ हम UPSC के संशोधित सिलेबस (Revised Syllabus) को हिंदी में विस्तारपूर्वक समझेंगे।
UPSC IAS Geography Optional Syllabus: पेपर – I : भूगोल के सिद्धांत (Principles of Geography)
1. भौतिक भूगोल (Physical Geography)
- भू-आकृति विज्ञान (Geomorphology): भू-आकृति विकास को नियंत्रित करने वाले कारक, आंतरिक व बाह्य बल, पृथ्वी की पर्पटी की उत्पत्ति और विकास, भू-चुम्बकत्व, पृथ्वी का आंतरिक ढांचा, भू-सिंक्लाइन, महाद्वीपीय प्रवाह (Continental Drift), आइसोस्टेसी, प्लेट विवर्तनिकी (Plate Tectonics), पर्वतनिर्माण के नवीन दृष्टिकोण, ज्वालामुखीयता, भूकंप व सुनामी, भू-आकृतिक चक्र, अपक्षय सतहें, ढाल का विकास, अनुप्रयुक्त भू-आकृति विज्ञान, भू-आकृति विज्ञान और आर्थिक भूविज्ञान।
- जलवायु विज्ञान (Climatology): ताप एवं दाब पटल, पृथ्वी का उष्मा बजट, वायुमंडलीय परिसंचरण, स्थिरता-अस्थिरता, मानसून व जेट स्ट्रीम, वायु द्रव्यमान व मोर्चे, चक्रवात, वर्षा के प्रकार व वितरण, मौसम और जलवायु, विश्व की जलवायु वर्गीकरण (Koppen, Thornthwaite, Trewartha), जल चक्र, वैश्विक जलवायु परिवर्तन और मानव की भूमिका, शहरी जलवायु।
- महासागर विज्ञान (Oceanography): महासागरीय तल का स्थलाकृति, तापमान व लवणता, ऊष्मा व लवण संतुलन, महासागरीय अवसाद, तरंगें, धाराएँ, ज्वार-भाटा, समुद्री संसाधन (जैविक, खनिज व ऊर्जा), प्रवाल भित्तियाँ व ब्लिचिंग, समुद्र स्तर परिवर्तन, समुद्र संबंधी विधियां व प्रदूषण।
- जीवभूगोल (Biogeography): मृदा का निर्माण, मृदा वर्गीकरण व वितरण, मृदा प्रोफ़ाइल, मृदा अपरदन व संरक्षण, वनस्पति व जीवों का वैश्विक वितरण, वनों की कटाई की समस्या, सामाजिक वानिकी, वन्य जीवन, जीन पूल केंद्र।
- पर्यावरण भूगोल (Environmental Geography): पारिस्थितिकी, मानव का पर्यावरण पर प्रभाव, वैश्विक व क्षेत्रीय असंतुलन, पारिस्थितिक तंत्र का प्रबंधन, पर्यावरणीय ह्रास व संरक्षण, जैव विविधता, सतत विकास, पर्यावरण नीति, आपदाएँ व निवारण।
2. मानव भूगोल (Human Geography)
- मानव भूगोल में दृष्टिकोण (Perspectives): क्षेत्रीय विभेदीकरण, द्वंद्ववाद, पर्यावरणवाद, मात्रात्मक क्रांति, मानव कल्याण दृष्टिकोण, भाषाएँ व धर्म, सांस्कृतिक क्षेत्र, मानव विकास सूचकांक।
- आर्थिक भूगोल (Economic Geography): विश्व आर्थिक विकास, संसाधनों का वितरण, ऊर्जा संकट, कृषि के प्रकार, खाद्य व पोषण संबंधी समस्याएँ, खाद्य सुरक्षा, अकाल, उद्योगों का स्थानिक पैटर्न, विश्व व्यापार।
- जनसंख्या व बस्तियाँ (Population & Settlement Geography): विश्व जनसंख्या वृद्धि, जनसांख्यिकीय विशेषताएँ, प्रव्रजन, जनसंख्या सिद्धांत, ग्रामीण व शहरी बस्तियों के प्रकार, शहरीकरण की समस्याएँ व समाधान, सतत शहरी विकास।
- क्षेत्रीय नियोजन (Regional Planning): क्षेत्र की अवधारणा, क्षेत्रीय असमानताएँ, क्षेत्रीय विकास रणनीतियाँ, सतत विकास की योजना।
- मॉडल, सिद्धांत व नियम (Models & Theories): माल्थुस व मार्क्स के जनसंख्या सिद्धांत, जनांकीय संक्रमण मॉडल, क्रिस्टालर व लॉश के केंद्रीय स्थान सिद्धांत, वॉन थ्यूनन का कृषि मॉडल, वेबर का औद्योगिक स्थान मॉडल, हृदय-भूमि व रीमलैंड सिद्धांत, अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के नियम।
पेपर – II : भारत का भूगोल (Geography of India)
1. भौतिक स्थिति (Physical Setting)
भारत की भौगोलिक स्थिति, स्थल संरचना, नदी प्रणालियाँ, जलोढ़ क्षेत्र, मानसून की प्रणाली, जलवायु क्षेत्र, प्राकृतिक वनस्पति व मिट्टी।
2. संसाधन (Resources)
भूमि, जल, ऊर्जा, खनिज, समुद्री संसाधन, वन व वन्यजीव, संरक्षण व ऊर्जा संकट।
3. कृषि (Agriculture)
सिंचाई, बीज, उर्वरक, भूमि सुधार, फसल पैटर्न, ग्रीन रेवोल्यूशन, सूखा कृषि, श्वेत क्रांति, मत्स्य पालन, कृषि क्षेत्रीयकरण, एग्रो-क्लाइमेटिक जोन।
4. उद्योग (Industry)
औद्योगिक विकास, प्रमुख उद्योगों का स्थान, औद्योगिक नीति, विशेष आर्थिक क्षेत्र, पर्यटन व इको-टूरिज्म।
5. परिवहन, संचार व व्यापार (Transport, Communication & Trade)
सड़क, रेलवे, जलमार्ग, वायु मार्ग, पाइपलाइन, बंदरगाह, विदेश व्यापार, आईटी और अंतरिक्ष कार्यक्रम।
6. सांस्कृतिक परिदृश्य (Cultural Setting)
भारतीय समाज का ऐतिहासिक दृष्टिकोण, जातीय विविधताएँ, जनजातियाँ, सांस्कृतिक क्षेत्र, जनसंख्या वितरण, प्रव्रजन और समस्याएँ।
7. बस्तियाँ (Settlements)
ग्रामीण व शहरी बस्तियों के प्रकार, शहरी फैलाव, स्लम की समस्या, शहरी योजना व शहरीकरण की चुनौतियाँ।
8. क्षेत्रीय विकास व नियोजन (Regional Development & Planning)
पंचवर्षीय योजनाएँ, ग्रामीण विकास, जनजातीय क्षेत्र विकास, बहु-स्तरीय नियोजन, द्वीपीय क्षेत्रों का विकास।
9. राजनीतिक पहलू (Political Aspects)
भारतीय संघवाद, राज्य पुनर्गठन, सीमावर्ती मुद्दे, आतंकवाद, भारत की विदेश नीति व भू-राजनीति।
10. समसामयिक मुद्दे (Contemporary Issues)
भूस्खलन, भूकंप, सुनामी, बाढ़, पर्यावरण प्रदूषण, खाद्य सुरक्षा, भूमि उपयोग परिवर्तन, सतत विकास, नदी जोड़ो परियोजना, वैश्वीकरण व भारतीय अर्थव्यवस्था।
UPSC IAS Geography Optional Syllabus: निष्कर्ष
UPSC IAS भूगोल वैकल्पिक सिलेबस को दो भागों में विभाजित किया गया है –
- पेपर I (भूगोल के सिद्धांत)
- पेपर II (भारत का भूगोल)
यदि आप IAS या NET की तैयारी कर रहे हैं तो इस सिलेबस के प्रत्येक बिंदु को गहराई से पढ़ना आवश्यक है।
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