Pressure Belts in Geography: जलवायु विज्ञान में दाब पेटियाँ

Pressure Belts in Geography: जलवायु विज्ञान (Climatology) में वायुदाब पेटियाँ (Pressure Belts) वे क्षेत्र होते हैं जहाँ पृथ्वी की सतह पर वायुदाब एक जैसा होता है। पृथ्वी की घूर्णन गति, सूर्य से प्राप्त ताप और वायुमंडलीय परिसंचरण के कारण पृथ्वी पर अलग-अलग अक्षांशों पर अलग-अलग प्रकार की दाब पेटियाँ बनती हैं।

इन दाब पट्टियों का प्रभाव पृथ्वी की मौसम प्रणाली, पवनों की दिशा, और वर्षा के वितरण पर सीधा पड़ता है।

Pressure Belts in Geography: वायुदाब क्या है ?

वायुदाब :- पृथ्वी के इकाई क्षेत्रफल पर पड़ने वाले वायुमंडल के सम्पूर्ण स्तम्भ का भार वायुदाब कहलाता है | इसे ग्राम/वर्ग सेमी या पौंड/वर्ग इंच में व्यक्त किया जाता है |

Pressure Belts in Geography: पृथ्वी पर प्रमुख दाब पेटियाँ

पृथ्वी पर कुल सात मुख्य दाब पेटियाँ पाई जाती हैं:

दाब पेटीस्थान (लगभग अक्षांश)दाब का प्रकार
1. विषुवतीय निम्न दाब पेटी0° से 5° उत्तर-दक्षिणनिम्न दाब
2. उपोष्ण कटिबंधीय उच्च दाब पेटी25° से 35° उत्तर-दक्षिणउच्च दाब
3. मध्य अक्षांशीय निम्न दाब पेटी45° से 60° उत्तर-दक्षिणनिम्न दाब
4. ध्रुवीय उच्च दाब पेटी80° से 90° उत्तर-दक्षिणउच्च दाब

Pressure Belts in Geography: दाब पेटियों का निर्माण कैसे होता है?

दाब पेटियाँ सूर्य की ऊष्मा, पृथ्वी की गोलाई और घूर्णन के कारण बनती हैं:

  • विषुवतीय क्षेत्र अत्यधिक गर्म होता है, जिससे हवा ऊपर उठती है और वहाँ निम्न दाब क्षेत्र बनता है।
  • 30° अक्षांशों पर यह हवा ठंडी होकर नीचे आती है और वहाँ उच्च दाब क्षेत्र बनता है।
  • ध्रुवों पर ठंडी और भारी हवा नीचे बैठती है जिससे वहाँ उच्च दाब क्षेत्र बनता है।

Pressure Belts in Geography:🌬️ दाब पेटियों का प्रभाव

  1. विश्व की प्रमुख पवन प्रणालियाँ, जैसे व्यापारिक पवनें, पश्चिमी पवनें और ध्रुवीय पवनें – दाब पेटियों के अनुसार बहती हैं।
  2. मानसून, वर्षा और सूखा – सभी पर दाब पेटियों का प्रभाव होता है।
  3. वर्षा वनों और मरुस्थलों का वितरण भी इन्हीं के आधार पर होता है।

Pressure Belts in Geography: 📊 चित्र – पृथ्वी की प्रमुख दाब पेटियाँ (Pressure Belts Diagram in Hindi)

90°N - ध्रुवीय उच्च दाब
60°N - उपध्रुवीय निम्न दाब
30°N - उपोष्णीय उच्च दाब
 0°  - विषुवतीय निम्न दाब
30°S - उपोष्णीय उच्च दाब
60°S - उपध्रुवीय निम्न दाब
90°S - ध्रुवीय उच्च दाब

💡 टिप: इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए गोल पृथ्वी पर अक्षांश रेखाओं को ध्यान में रखें।

📚 निष्कर्ष

दाब पेटियाँ पृथ्वी की जलवायु और मौसम को नियंत्रित करने वाली एक मूलभूत प्रणाली हैं। इनके आधार पर ही पवनों की दिशा, वर्षा का वितरण और तापमान में बदलाव होता है। प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे UPSC, SSC, और राज्य स्तरीय PCS) में यह विषय अक्सर पूछा जाता है।

🔖 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: विषुवतीय निम्न दाब पेटी किस अक्षांश पर पाई जाती है?

उत्तर: यह 0° अक्षांश के आसपास यानी भूमध्य रेखा के पास पाई जाती है।

Q2: सबसे अधिक वर्षा किस दाब पेटी में होती है?

उत्तर: विषुवतीय निम्न दाब पेटी में।

Q3: व्यापारिक पवनें किस दाब पेटी से चलती हैं?

उत्तर: उपोष्णीय उच्च दाब पेटी से विषुवतीय निम्न दाब पेटी की ओर।

🔗 संबंधित विषय (Related Topics)

  • पवनों के प्रकार (Types of Winds)
  • मानसून की प्रक्रिया (Monsoon System)
  • जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापमान

📝 सार

यदि आप भूगोल या पर्यावरण विज्ञान पढ़ रहे हैं या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो दाब पेटियाँ एक ऐसा विषय है जिसे गहराई से समझना बेहद जरूरी है। इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ साझा करें और नीचे कमेंट करके अपने प्रश्न पूछें!

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