NCERT Books for UPSC | NCERT Books for UPSCNCERT BOOKS FOR UPSC. NCERT books are favourites and preferred by all upsc toppers. These books are very useful for beginners. Every UPSC aspirant must go throgh ncert books for thorough knowledge and basic understanding of conresponding subject. These are very usefull for GS papers as well as Optional subject. Here are latest and updated ncert books.
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UGC NET GEOGRAPHY Syllabus 2023 . यूजीसी नेट 2023 का भूगोल विषय का सिलेबस जारी कर दिया गया है। यह यूजीसी एवं नेषनल टेस्टिंग एजेंसी की आधिकारिक वेबसाईट पर जारी किया गया है। नेट एवं जेआरएफ की तैयारी करने वाले प्रतियोगियों को नये सिलेबस के अनुसार तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। last update 25-05-2023.
UGC NET GEOGRAPHY Syllabus 2023 | द्वितीय पेपर भूगोल विषय का सिलेबस
UGC NET GEOGRAPHY Syllabus 2023 . भूगोल विषय को कुल 10 ईकाईयों में विभाजित किया गया है। जिनका विवरण निम्न प्रकार से है- 1 भूआकृति विज्ञान 2 जलवायु विज्ञान 3 समुद्र विज्ञान 4 पर्यावरण भूगोल 5 जनसंख्या एवं अधिवास भूगोल 6 आर्थिक गतिविधि और क्षेत्रीव विकास का भूगोल 7 सांस्कृतिक , सामाजिक एवं राजनैतिक भूगोल 8 भौगोलिक चिंतन 9 भौगोलिक तकनीकियां 10 भारत का भूगोल
UGC NET GEOGRAPHY Syllabus 2023 विस्तृत सिलेबस
भूगोल विषय का विस्तृत सिलेबस नीचे दिया गया है।
उक्त सिलेबस यूजीसी की आधिकारिक वेबसाईट से लिया गया है फिर भी अभ्यर्थी एक बार आधिकारिक वेबसाईट पर जाकर सभी बिन्दुओं को सुनिश्चित कर लेवें किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर युजीसी द्वारा जारी आधिकारिक सिलेबस ही मान्य होगा
वायुमंडल पृथ्वी की सतह के उपर वायु का महासागर है जिसमें सभी जीवित प्राणी निवास करते हैं।
वायुमंडल गैसों, जलवाष्प एवं धूल कणों से बना है। वायुमंडल की ऊपरी परतों में गैसों का अनुपात इस प्रकार
बदलता है जैसे कि 120 कि॰मी॰ की ऊँचाई पर आक्सीजन की मात्रा नगण्य हो जाती है। इसी प्रकार, कार्बन
डाईआॅक्साइड एवम् जलवाष्प पृथ्वी की सतह से 90 कि॰मी॰ की ऊँचाई तक ही पाये जाते हैं।
गैस
कार्बन डाईआॅक्साइड मौसम विज्ञान की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण गैस है, क्योंकि यह सौर विकिरण के
लिए पारदर्शी है, लेकिन पार्थिव विकिरण के लिए अपारदर्शी है। यह सौर विकिरण के एक अंश को
सोख लेती है तथा इसके कुछ भाग को पृथ्वी की सतह की ओर प्रतिबिंबित कर देती है। यह ग्रीन
हाउस प्रभाव के लिए पूरी तरह उत्तरदायी है। दूसरी गैसों का आयतन स्थिर है, जबकि पिछले कुछ दशकों
में मुख्यतः जीवाश्म ईंधन को जलाये जाने के कारण कार्बन डाईआॅक्साइड के आयतन में लगातार वृद्धि हो
रही है। ओजेान वायुमंडल का दूसरा महत्त्वपूर्ण घटक है जो कि पृथ्वी की सतह से 10 से 50 किलोमीटर की ऊँचाई के बीच पाया जाता है। यह एक फिल्टर की तरह कार्य करता है तथा सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर उनको पृथ्वी की सतह पर पहुँचने से रोकता है।
जलवाष्प
जलवाष्प वायुमंडल में उपस्थित ऐसी परिवर्तनीय गैस है, जो ऊँचाई के साथ घटती जाती है। गर्म तथा आर्द्र उष्ण
कटिबंध में यह हवा के आयतन का 4 प्रतिशत होती है, जबकि धु्रवों जैसे ठंडे तथा रेगिस्तानों जैसे शुष्क प्रदेशों
में यह हवा के आयतन के 1 प्रतिशत भाग से भी कम होती है। विषुवत् वृत्त से ध्रुवों की तरपफ जलवाष्प की
मात्रा कम होती जाती है। यह सूर्य से निकलने वाले ताप के भाग को अवशोषित करती है तथा पृथ्वी से
निकलने वाले ताप को संग्रहित करती है। इस प्रकार यह एक कंबल की तरह कार्य करती है तथा पृथ्वी को
न तो अधिक गर्म तथा न ही अधिक ठंडा होने देती है। जलवाष्प वायु को स्थिर और अस्थिर होने में भी
योगदान देती है।
धूलकण
वायुमंडल में छोटे-छोटे ठोस कणों को भी रखने की क्षमता होती है। ये छोटे कण विभिन्न स्रोतों जैसे-
समुद्री नमक, महीन मिट्टी, धुएँ की कालिमा, राख, पराग, धूल तथा उल्काओं के टूटे हुए कण से निकलते
हैं। धूलकण प्रायः वायुमंडल के निचले भाग में मौजूद होते हैं, पिफर भी संवहनीय वायु प्रवाह इन्हें काफी ऊँचाई तक ले जा सकता है। धूलकणों का सबसे अधिक जमाव उपोष्ण और शीतोष्ण प्रदेशों में सूखी हवा के कारण होता है, जो विषुवत् और धु्रवीय प्रदेशों की तुलना में यहाँ अधिक मात्रा में होते है। धूल और नमक के कण आर्द्रताग्राही केद्र की तरह कार्य करते हैं जिस के चारों ओर जलवाष्प संघनित होकर मेघों का निर्माण करती हैं।
Internal Structure of Earth | पृथ्वी की आंतरिक संरचना से तात्पर्य पृथ्वी की सतह से उसके केन्द्र तक लंबवत संरचना से है। भूगोलविदों एवं भूवैज्ञानिकों नें पृथ्वी की आंतरिक संरचना को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा है।
Internal Structure of Earth | भूपर्पटी (crust)
Internal Structure of Earth | यह ठोस पृथ्वी का सबसे बाहरी भाग है। यह बहुत भंगुर (Brittle) भाग है जिसमें जल्दी टूट जाने की प्रवृत्ति पाई जाती है। भूपर्पटी की मोटाई महाद्वीपों व महासागरों के नीचे अलग.अलग है। महासागरों में भूपर्पटी की मोटाई महाद्वीपों की तुलना में कम है। महासागरों के नीचे इसकी औसत मोटाई 5 कि0 मी0 है| जबकि महाद्वीपों के नीचे यह 30 कि0 मी0 तक है। मुख्य पर्वतीय शृंखलाओं के क्षेत्रा में यह मोटाई और भी अधिक है। हिमालय पर्वत श्रेणियों के नीचे भूपर्पटी की मोटाई लगभग 70 कि0मी0 तक है |
Internal Structure of Earth | मैंटल (Mantle)
Internal Structure of Earth | भूगर्भ में पर्पटी के नीचे का भाग मैंटल कहलाता है। यह मोहो असांतत्य से आरंभ होकर 2,900 कि0 मी0 की गहराई तक पाया जाता है। मैंटल का ऊपरी भाग दुर्बलतामंडल कहा जाता है। ‘एस्थेनो’ शब्द का अर्थ दुर्बलता से है। इसका विस्तार 400 कि0मी0 तक आँका गया है। ज्वालामुखी उद्गार के दौरान जो लावा धरातल पर पहुँचता है, उसका मुख्य स्त्रोत यही है। भूपर्पटी एवं मैंटल का ऊपरी भाग मिलकर स्थलमंडल कहलाते हैं। इसकी मोटाई 10 से 200 कि0 मी0 के बीच पाई जाती है। निचले मैंटल का विस्तार दुर्बलतामंडल के समाप्त हो जाने वेफ बाद तक है। यह ठोस अवस्था में है।
क्रोड (Core)
जैसा कि पहले ही इंगित किया जा चुका है कि भूकंपीय तरंगों ने पृथ्वी के क्रोड को समझने में सहायता की है। क्रोड व मैंटल की सीमा 2,900 कि0मी0 की गहराई पर है। बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है जबकि आंतरिक क्रोड ठोस अवस्था में है। क्रोड भारी पदार्थों मुख्यतः निकिल व लोहे का बना है। इसे निफे परत के नाम से भी जाना जाता है।
The SSC CGL 2024 notification is anticipated to be released in July. Once the official notification is out, the Commission will enable the online application link for SSC CGL 2024. The SSC CHSL and SSC MTS notifications have been delayed, which in turn has pushed back the release of the SSC Combined Graduate Level 2024 notification. Recently, the Commission transitioned to a new website, ssc.gov.in, causing delays in all notifications. Applicants will have one month to complete the SSC CGL 2024 online applications. The SSC CGL 2024 Tier 1 exam is expected to take place in October 2024.
एसएससी सीजीएल 2024 अधिसूचना जुलाई में जारी होने की उम्मीद है। एक बार आधिकारिक अधिसूचना जारी होने के बाद, आयोग एसएससी सीजीएल 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन लिंक सक्षम करेगा। एसएससी सीएचएसएल और एसएससी एमटीएस अधिसूचना में देरी हुई है, जिसके कारण एसएससी संयुक्त स्नातक स्तर 2024 अधिसूचना जारी करने में देरी हुई है। हाल ही में, आयोग ने एक नई वेबसाइट ssc.gov.in पर बदलाव किया, जिससे सभी अधिसूचनाओं में देरी हुई। आवेदकों के पास एसएससी सीजीएल 2024 ऑनलाइन आवेदन पूरा करने के लिए एक महीने का समय होगा। SSC CGL 2024 टियर 1 परीक्षा अक्टूबर 2024 में होने की उम्मीद है।
SSC CGL 2024: SSC CGL 2024 Posts
SSC CGL 2024: In the official SSC CGL 2024 notification, the Staff Selection Commission will announce the names of the SSC CGL posts, the number of vacancies, the salary details, and the corresponding age limits. Previously, the Commission included the following SSC CGL posts in the official notification:
SSC CGL 2024: आधिकारिक एसएससी सीजीएल 2024 अधिसूचना में, कर्मचारी चयन आयोग एसएससी सीजीएल पदों के नाम, रिक्तियों की संख्या, वेतन विवरण और संबंधित आयु सीमा की घोषणा करेगा। इससे पहले, आयोग ने आधिकारिक अधिसूचना में निम्नलिखित एसएससी सीजीएल पदों को शामिल किया था |
SSC CGL पदों को निम्नलिखित तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:
समूह ‘बी’ राजपत्रित समूह ‘बी’ अराजपत्रित समूह ‘सी’
Group ‘B’ Gazetted
Group ‘B’ Non-Gazetted
Group ‘C’
SSC CGL 2024: Eligibility Criteria
SSC CGL 2024: The SSC CGL 2024 notification will outline the eligibility criteria for the exam. Candidates should consult the notification to understand the required educational qualifications, age limits, and other conditions necessary for applying to the exam.
SSC CGL 2024: एसएससी सीजीएल 2024 अधिसूचना परीक्षा के लिए पात्रता मानदंड की रूपरेखा तैयार करेगी। परीक्षा में आवेदन करने के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता, आयु सीमा और अन्य शर्तों को समझने के लिए उम्मीदवारों को अधिसूचना देखनी चाहिए।
SSC CGL 2024: The Commission will specify the educational qualifications for each post individually. These qualifications will be detailed in the official SSC CGL 2024 notification. Candidates can find the SSC CGL 2024 educational qualifications here.
SSC CGL 2024: आयोग प्रत्येक पद के लिए व्यक्तिगत रूप से शैक्षणिक योग्यता निर्दिष्ट करेगा। इन योग्यताओं का विवरण आधिकारिक एसएससी सीजीएल 2024 अधिसूचना में दिया जाएगा। उम्मीदवार यहां एसएससी सीजीएल 2024 शैक्षणिक योग्यता पा सकते हैं।
SSC CGL 2024: Application Fee
Candidates will need to pay the specified SSC CGL 2024 application fee. The Commission will outline the application fee in the official notification. Below, candidates can view the SSC CGL 2024 application fee as stated in the previous exam’s official notification.
उम्मीदवारों को निर्दिष्ट एसएससी सीजीएल 2024 आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। आयोग आधिकारिक अधिसूचना में आवेदन शुल्क की रूपरेखा देगा। नीचे, उम्मीदवार एसएससी सीजीएल 2024 आवेदन शुल्क देख सकते हैं जैसा कि पिछली परीक्षा की आधिकारिक अधिसूचना में बताया गया है।
On the regional site’s homepage, click on the SSC CGL 2024 Tier 1 application status link.
Enter your registration number and date of birth when prompted.
Your SSC CGL 2024 application status will then be displayed on the screen.
SSC CGL 2024: SSC CGL 2024 Syllabus
GK Syllabus
National
Polity and Governance
Economy
Environmental Issues
Geography and Agriculture
International News
Science & Tech.
Society
Government Schemes
Person in News and Awards
Sports
Others
SSC CGL 2024: SSC CGL 2024 Exam Pattern
Candidates are advised to thoroughly understand the SSC CGL 2024 exam pattern to enhance their exam performance. The official notification will detail the SSC CGL 2024 exam pattern, which is not anticipated to undergo changes. Candidates can refer to the SSC CGL exam pattern 2024 for each tier individually.
FORGOT ADHAR NUMBER | आधार नंबर भूल गए : आधार नंबर भूल जाने पर कैसे प्राप्त करें
FORGOT ADHAR NUMBER आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो हर भारतीय नागरिक के लिए पहचान और पते का प्रमाण है। लेकिन कई बार ऐसा हो सकता है कि हम अपना आधार नंबर भूल जाएं। चिंता न करें, आप इसे आसानी से वापस प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ हम आपको बताएँगे कि आधार नंबर भूल जाने पर कैसे प्राप्त करें:
1. यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ
सबसे पहले, आपको यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। इसके लिए आप अपने वेब ब्राउज़र में https://myaadhaar.uidai.gov.in/retrieve-eid-uid टाइप करें।
2. ‘Retrieve Lost or Forgotten EID/UID’ विकल्प चुनें
FORGOT ADHAR NUMBER : वेबसाइट के होमपेज पर, आपको ‘My Aadhaar’ मेनू में ‘Retrieve Lost or Forgotten EID/UID’ विकल्प मिलेगा। इस पर क्लिक करें।
3. आवश्यक जानकारी भरें
नए पेज पर, आपको अपना पूरा नाम, पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी और कैप्चा कोड भरना होगा। यह जानकारी भरने के बाद ‘Send OTP’ बटन पर क्लिक करें।
4. OTP (वन टाइम पासवर्ड) प्राप्त करें
आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पर एक OTP भेजा जाएगा। इस OTP को संबंधित फील्ड में दर्ज करें और ‘Verify OTP’ बटन पर क्लिक करें।
5. आधार नंबर या एनरोलमेंट आईडी प्राप्त करें
OTP सफलतापूर्वक दर्ज करने के बाद, आपको स्क्रीन पर आपका आधार नंबर या एनरोलमेंट आईडी दिखाई देगी। आप इसे नोट कर सकते हैं या भविष्य के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।
6. आधार कार्ड डाउनलोड करें (वैकल्पिक)
यदि आपको तुरंत अपना आधार कार्ड डाउनलोड करना है, तो आप यूआईडीएआई की वेबसाइट पर जाकर ‘Download Aadhaar’ विकल्प का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप अपना आधार नंबर दर्ज कर सकते हैं और प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
ADHAR CARD DOWNLOAD 2024 | आधार कार्ड डाउनलोड 2024 आधार कार्ड भारत में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो हर भारतीय नागरिक के लिए पहचान पत्र और पते का प्रमाण है। यदि आपने अपना आधार कार्ड खो दिया है या आपको इसका डिजिटल संस्करण चाहिए, तो आप इसे आसानी से ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। यहाँ हम आपको बताएँगे कि आधार कार्ड कैसे डाउनलोड करें:
ADHAR CARD DOWNLOAD 2024 | आधार कार्ड डाउनलोड 2024 यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ
ADHAR CARD DOWNLOAD 2024 | आधार कार्ड डाउनलोड 2024 सबसे पहले, आपको यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। इसके लिए आप अपने वेब ब्राउज़र में https://uidai.gov.in टाइप करें।
सबसे पहले, आपको यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। इसके लिए आप अपने वेब ब्राउज़र में https://MYAADHAR.uidai.gov.in टाइप करें।
2. ‘डाउनलोड आधार’ विकल्प चुनें
वेबसाइट के होमपेज पर, आपको ‘My Aadhaar’ मेनू में ‘Download Aadhaar’ विकल्प मिलेगा। इस पर क्लिक करें।
3. आवश्यक जानकारी भरें
आपको तीन विकल्प मिलेंगे:
आधार नंबर
एनरोलमेंट आईडी
वर्चुअल आईडी
आपके पास इनमें से जो भी हो, उसका चयन करें और उस नंबर को दर्ज करें।
4. सुरक्षा कोड (कैप्चा) दर्ज करें
एक सुरक्षा कोड (कैप्चा) दिया जाएगा, जिसे आपको सही तरीके से भरना होगा। यह प्रक्रिया वेबसाइट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए होती है।
5. OTP (वन टाइम पासवर्ड) प्राप्त करें
अब ‘Send OTP’ बटन पर क्लिक करें। आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा। इस OTP को संबंधित फील्ड में दर्ज करें।
6. आधार कार्ड डाउनलोड करें
OTP सफलतापूर्वक दर्ज करने के बाद, ‘Verify and Download’ बटन पर क्लिक करें। आपका आधार कार्ड पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड हो जाएगा।
7. पीडीएफ फाइल को खोलें
डाउनलोड की गई पीडीएफ फाइल पासवर्ड प्रोटेक्टेड होती है। इसे खोलने के लिए आपको 8 अंकों का पासवर्ड दर्ज करना होगा। यह पासवर्ड आपके नाम के पहले चार अक्षर (कैपिटल लेटर्स में) और जन्म वर्ष (YYYY) का संयोजन होता है। उदाहरण के लिए, यदि आपका नाम “Ramesh Kumar” है और जन्म वर्ष 1990 है, तो आपका पासवर्ड होगा: RAME1990।
ADHAR CARD DOWNLOAD 2024 | आधार कार्ड डाउनलोड 2024
आधार कार्ड को डाउनलोड करना एक सरल और आसान प्रक्रिया है। UIDAI की वेबसाइट पर जाकर आप कुछ सरल चरणों का पालन करके अपना आधार कार्ड आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। यह डिजिटल आधार कार्ड आपके फिजिकल आधार कार्ड के समान ही मान्य है और इसे आप विभिन्न सेवाओं और योजनाओं के लिए उपयोग कर सकते हैं।
आशा है कि यह गाइड आपको आधार कार्ड डाउनलोड करने में मददगार साबित होगी। यदि आपके पास कोई सवाल या समस्या हो, तो आप UIDAI की हेल्पलाइन या वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं।
Staff Selection Commission ने 20 फरवरी से 7 मार्च 2024 तक कांस्टेबल GD की परीक्षा आयोजित की। कांस्टेबल GD के तहत, CAF SF असम राइफल्स और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के तहत कांस्टेबल की भर्ती आयोजित करता है। इसका परीक्षा परिणाम मार्च के अंतिम सप्ताह में घोषित किया जाएगा या इसके पहले सप्ताह में आने की संभावना है। जैसे ही परिणाम घोषित होगा, हम आपको सबसे पहले सूचित करेंगे।
SSC GD RESULT 2024 LINK DATE AND TIME | एसएससी जीडी रिजल्ट 2024: SSC GD constable result 2024 date Download Details
SSC GD RESULT 2024 LINK DATE AND TIME | एसएससी जीडी रिजल्ट 2024: SSC GD constable result 2024 date Download Details | रिजल्ट जारी होते ही ssc की ऑफिसियल वेबसाइट पर ssc.nic.in या ssc.gov.in पर देखा जा सकता है |
SSC GD RESULT 2024 LINK DATE AND TIME | एसएससी जीडी रिजल्ट 2024: Important Links
SSC GD RESULT 2024 LINK DATE AND TIME | एसएससी जीडी रिजल्ट 2024: How to Check | ऐसे चेक करें रिजल्ट
एसएससी जीडी परिणाम 2024 की जांच कैसे करें: स्टेप 1। सबसे पहले कर्मचारी चयन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। चरण दो। एसएससी वेबसाइट के मुख पृष्ठ पर, आपको दाईं ओर एक परिणाम क्षेत्र दिखाई देगा। चरण 3। रिजल्ट सेक्शन पर क्लिक करने पर आपको कांस्टेबल जीडी दिखाई देगी, उस पर क्लिक करें। चरण 4। फिर आपके सामने एक नया पेज खुलेगा जिसमें आप पीडीएफ फाइल पर क्लिक करें और अपनी मेरिट सूची में रोल नंबर का मिलान करें। चरण 5: भविष्य के संदर्भ के लिए प्रिंट आउट ले लें।
RAMSAR Wetland Sites in INDIA. रामसर कन्वेंशन एक अंतराष्ट्रीय संधि है जिसमें आर्द्रभूमियों के संरक्षण , संधारणीय उपयोगिता पर बल दिया गया है। साथ ही आर्द्र भूमियों के मूलभूत पारिस्थितिकीय कार्यप्रणाली एवं उनके आर्थिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक मूल्यों के पुनर्निर्माण की पहचान की जाती है।
RAMSAR Wetland Sites in INDIA | नवंबर 2022 तक भारत में वेटलेंड साईट अथवा रामसर साईट
भारत सरकार की वेबसाईट… के अनुसार वर्तमान में भारत में कुल 75 रामसर साईट हैं जो निम्नानुसार है।
WESTERN GHATS AND EASTERN GHAT MOUNTAINS | पश्चिमी घाट एवं पूर्वी घाट पर्वत प्रायद्वीपीय भारत के पश्चिमी एवं पूर्वी किनारों पर स्थित हैं | पश्चिमी घाटपर्वत ब्लोक पर्वत हैं जबकि पूर्वी घाट पर्वत मोडदार पर्वत श्रेणियों के अवशिष्ट भाग हैं | पश्चिमी घाटपर्वत सतत श्रेणियां हैं जबकि पूर्वी घाट कटी फटी श्रेणियों के रूप में स्थित हैं |
WESTERN GHATS AND EASTERN GHAT MOUNTAINS | पश्चिमी घाट
औसत ऊंचाई 1000 से 1300 मीटर |
तापी नदी के तटसे कन्याकुमारी तक 1600 किमी की लम्बाई में फैला है |
चार प्रमुख दर्रे पालघाट भोरघाट थालघाट और सेनकोटा घाट हैं |
वास्तविक पर्वत श्रेणी नहीं बल्कि प्रायद्वीपीय पठार का कगार है |
सर्वोच्च चोटी अन्नैमुदी अन्नामलाई की पहाडियों में स्थित है |
ऊंचाई में उत्तर से दक्षिण की और वृद्धि |
महारास्ट्र गोवा एवं कर्णाटक में सह्याद्री के नाम से जाना जाता है |
WESTERN GHATS AND EASTERN GHAT MOUNTAINS | पूर्वी घाट पर्वत
औसत ऊंचाई 900से 1100 मीटर |
महानदी की घाटी से दक्षिण में निलगिरी तक 1800 किमी के लम्बाई में विस्तृत |
इन्हें पूर्वाद्री श्रेणी के नाम से भी जाना जाता है |
प्राचीन मोडदार वलित पर्वत का अवशिस्ट रूप |
इसका सर्वोच्च शिखर विशाखापटनम चोटी है जिसकी ऊंचाई 1680 मीटर है |
बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों ने इसे जगह जगह से अपरदित कर दिया है |
GEOGRAPHICAL THOUGHT NET GEOGRAPHY. यूनानी विद्वानों का चिरसम्मत काल ईसा पूर्व 900 से पहली शताब्दी तक माना जाता है | इस दौरान भूगोल की कई शाखाओं से सम्बंधित महत्वपूर्ण कार्य किये गए | नीचे के लेख में कुछ महत्वपूर्ण भूगोलविद एवं उनके कार्यो का संक्षिप्त विवरण दिया गया है | last update 25-05-2023.
GEOGRAPHICAL THOUGHT NET GEOGRAPHY | ग्रीक भूगोलविद एवं उनके महत्वपूर्ण कार्य
होमर – इलियाड व ओडेसी की रचना की | चार प्रकार की पवनो के विषय में बताया उत्तरी – बोरस , दक्षिणी – नोटस , पूर्वी – यूरस , पश्चिमी जेफ्राईटस |
थेल्स– पृथ्वी की माप |
अनेक्जिमेंडर – नोमोन नामक यंत्र का प्रयोग किया | विश्व का प्रथम मानचित्र बनाया |
हिकेटियस – जेस पेरिओडेस की रचना की इसमें विश्व का व्यवस्थित वर्णन है | इसे भूगोल का पिता कहा जाता है |
हीरोडोटस – इन्हें इतिहास का पिता कहा जाता है | मिस्त्र को नील नदी का वरदान कहा | इनका प्रसिद्द कथन ‘‘इतिहास को भौगोलिक दृष्टि से एवं भूगोल को ऐतिहासिक दृष्टि से देखना चाहिए ’’ | केस्पियन को आन्तरिक सागर बताया | अफ्रीका महाद्वीप को 3 कटिबन्धों में विभाजित किया |
इरेटोस्थेनिज – भूमध्य रेखा की लम्बाई का निर्धारण किया | मानचित्र पर अक्षांश व देशान्तरो को दर्शाया | जिओडेसी(भू गणित ) का संस्थापक | क्रमबद्ध भूगोल का पिता | ग्लोब को पांच कटिबंध में विभाजित किया | ‘‘भूगोल का पिता ’’ |
हिप्पार्कस – एस्ट्रोलैब का अविष्कार किया | स्टीरियो ग्राफ़िक एवं ओर्थोग्रफिक प्रोजेक्शन का निर्माण किया | वृत्त को 360 डिग्री में विभाजित किया |
पोसिडोनियस –इन्होने बताया अधिकतम तापमान ट्रॉपिक्स पर | महासागर विज्ञानी | ज्वर भाटा – अमावस्या एवं पूर्णिमा को |
हेराक्लाईडीस – पृथ्वी का कीली पर घूर्णन बताया |
थेल्स व अरस्तु – पृथ्वी को गोल बताया | अरस्तु – उद्देश्यवादी (Teleological)
रोमन विद्वानों का योगदान
इतिहास में यूनानी साम्राज्य के पतन के बाद रोमन साम्राज्य का उदय हुआ | रोमन काल के दौरान भुगोलवेताओं की रूचि सैद्धांतिक कार्यों की अपेक्षा प्रायोगिक कार्यो में अधिक थी | प्रमुख रोमन भूगोलविदों एवं उनके कार्यों का संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है |
स्ट्रेबो – प्रादेशिक विज्ञान का पिता | कोरोलोजी का जनक | भूगोल को कोरोलोजिकल विज्ञान कहा |ग्रन्थ – हिस्टोरिकल मेमॉयर , जियोग्राफीका|
टोलेमी – शंक्वाकार प्रक्षेप की रचना | ग्रन्थ – अल्मागस्ट, जियोग्राफीका सिंटेक्सिस| कोलंबस द्वारा अमेरिका की ख़ोज में अप्रत्यक्ष सहायता | मानचित्र पर बंगाल की खाड़ी को प्रदर्शित किया |
पम्पोनियस मेला – अंतिम रोमन विद्वान | प्लिनी – ग्रन्थ हिस्टोरिका नेचुरलिस की रचना |
Continental Drift Theory NET UPSC. वेगनर से पूर्व एफ बी टेलर ने महादिपीय प्रवाह की बात कही थी | किन्तु इस दिशा में पहला महत्वपूर्ण प्रयास वेगनर महोदय का रहा जिन्होंने अपने सिद्धांत के पक्ष में महत्वपूर्ण प्रमाण दिए एवं प्लेट टेकटोनिक जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांतो कि राह प्रशस्त की |
Continental Drift Theory NET UPSC | सामान्य परिचय
अल्फ्रेड वेगनर – जर्मन विद्वान मूलतः जलवायुवेत्ता | इनका उद्देश्य – महासागरीय तली एवं महाद्वीपों कि स्थिरता का खंडन करना एवं जलवायु परिवर्तनों कि व्याख्या करना | एक ही स्थान पर जलवायु में समय समय पर परिवर्तन जिसके पीछे दो संभावनाए या तो जलवायु कटिबंध गतिशील या फिर स्थल भाग गतिशील | प्रवाह का सुझाव अंतोनियो स्नाइडर जिगसा फिट – बेकन |
Continental Drift Theory NET UPSC | सिद्धांत का प्रधान रूप-
कार्बोनिफेरस काल में सभी महाद्वीप एक स्थल भाग के रूप मे | इस विशाल महाद्वीप का नाम पेंजिया| इसके चारो तरफ विशाल जलराशि – पेंथालासा |
पेंजिया का उत्तरी भाग लौरेंसिया अथवा अन्गारालेंड एवं दक्षिणी भाग गोंडवाना लैंड |
पेंजिया की तीन परतें सियाल सीमा एवं निफे
सियाल बिना किसी रुकावट के सीमा पर तैर रहा था
दक्षिणी ध्रुव इस समय डर्बन के पास
बाद में पेंजिया का विभाजन एवं महाद्वीपों तथा महासागरों का वर्तमान स्वरुप अस्तित्व में |
सिद्धांत के पक्ष में प्रमाण
आंध्र महासागर के दोनों तटो में भौगोलिक साम्य(जिगसा फिट )
दोनों तटो के केलिडोनियनएवं हरसिनियन पर्वातिकरण में समानता
दोनों तटो के भूवैज्ञानिक संरचना में साम्य
दोनों तटो पर चट्टानों में जीवावशेष एवं गेल्सोप्टेरस वनस्पति के अवशेष में समानता
गोंडवाना के तटवर्ती क्षेत्रों में प्लेसर निक्षेप में समानता
कार्बोनिफेरस हिमानिकरण का प्रभाव ब्राजील फोकलैंड आस्ट्रलिया प्रायद्वीपीय भारत दक्षिणी अफ्रीका में
प्रवाह सम्बन्धी बल-
उत्तर कि ओर- गुरुत्व बल या प्लवनशीलता के कारण
पश्चिम कि ओर-सूर्य व चन्द्रमा का ज्वारीय बल
महाद्वीपों एवं महासागरो का वर्तमान स्वरुप
दोनों अमेरिका का पश्चिम कि ओरप्रवाह अटलांटिक महासागर अस्तित्व में
आस्ट्रेलिया एवं भारत का उत्तर पूर्व कि ओर प्रवाह हिन्द महासागर अस्तित्व में
पेंथालासा का अवशेष – प्रशांत महासागर
स्थल एवं जल का वर्तमान स्वरुप प्लायोसिन युग तक पूर्ण
पर्वतों का निर्माण
दोनों अमेरिका का पश्चिम कि तरफ प्रवाह सियाल द्वारा सीमा पर रुकावट पैदा करने से रोकीज एवं एंडीज का निर्माण
इसी प्रकार हिमालय एवं अल्पाइन पर्वत श्रेणियों कि रचना
द्वीपीय चाप की उत्पत्ति – महाद्वीपों के प्रवाह में शिथिलता – पीछे छुटा भाग द्वीप – सखालिन , जापान, कुराइल आदि |
Divisions of Himalayas NET UPSC हिमालय का विभाजन दो प्रकार से किया गया है। प्रथम विभाजन हिमालय की निर्माण के विभिन्न चरणों की आयु के आधार पर इसे समानांतर विभाजन एवं द्वितीय विभाजान हिमालय को पार करने वाली नदियों के आधार पर किया गया है इसे लंबवत विभाजन भी कहते हैं।
Divisions of Himalayas NET UPSC | हिमालय का समानांतर विभाजन
Divisions of Himalayas NET UPSC | इसके अनुसार हिमालय के चार उप विभाजन किये गए हैं 1. ट्रांस हिमालय अथवा तिब्बत हिमालय 2. वृहद् हिमालय अथवा महान हिमालय 3. लघु अथवा मध्य हिमालय 4. बाह्य अथवा शिवालिक हिमालय |
1. ट्रांस हिमालय अथवा तिब्बत हिमालय हिमालय पर्वत श्रेणी के निर्माण प्रक्रम में सर्वप्रथम इस श्रेणी का निर्माण हुआ | निर्माण अवसादी शैलों से हुआ है| सतलज,सिन्धु,ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों का उद्गम स्थल | भारत की सर्वोच्च छोटी k2 या गोडविन अस्टिन इसी श्रेणी में स्थित है | यह तिब्बत के पठार से indo सान्ग्पो सचर जोन द्वारा अलग होती है | सियाचिन , बाल्तेरा , हिस्पार आदि प्रमुख ग्लेसिअर हैं |
2. वृहद् अथवा महान हिमालय हिमालय की सर्वाधिक सतत एवं ऊँची श्रंखला है | इसकी औसत ऊंचाई 6100मीटर है और चौड़ाई 120 से 190 किमी तक है | पश्चिम में सिन्धु नदी के महाखड्ड से पूर्व में ब्रह्मपुत्र के मोड़ तक फैली हुई है | विश्व के अधिकांश सर्वोच्च शिखर इसी श्रेणी में स्थित है |
3. लघु अध्वा मध्य हिमालय यह वृहद् हिमालय से मेन सेंट्रल थ्रस्ट द्वारा अलग होता है | औसत ऊंचाई 3500से 4500 किमी एवं चौड़ाई 60 से 80किमी है | पीरपंजाल , धौलाधार , नाग टिब्बा एवं महाभारत इस भाग की मुख्य पर्वत श्रेणियां हैं | बुर्जिल व बनिहाल मुख्य दर्रे हैं | यह शिवालिक हिमालय से मेन बाउन्ड्री फाल्ट द्वारा अलग होता है |
4. बाह्य अथवा शिवालिक हिमालय यह हिमालय की सबसे बाहरी एवं दक्षिणी श्रंखला है | हिमालय की सबसे नविन पर्वत श्रेणी है | चौड़ाई 10 से 50किमी एवं ऊंचाई 600से 1500 मी के मध्य है | लम्बव घाटियाँ पश्चिम में दून एवं पूर्व में द्वार कहलाती है जैसे देहरादून हरीद्वार |
हिमालय का लम्बवत विभाजन
हिमालय का लम्बवत विभाजन सिन्धु , सतलज, काली एवं तीस्ता नदियों के मध्य स्थित क्षेत्रों के आधार पर किया गया है | इसके अनुसार हिमालय के चार उप विभाजन किये गए हैं – 1. कश्मीर हिमालय 2. कुमायु हिमालय 3. नेपाल हिमालय 4. असम हिमालय |
1. कश्मीर हिमालय
सिन्धु एवं सतलज के मध्य स्थित हिमालय को कश्मीर हिमालय अथवा पंजाब हिमालय के नाम से जाना जाता है | यह 560 किमी की लम्बाई में विस्तृत है | 250 से 400 किमी की चौड़ाई में विस्तृत है | यह कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश राज्यों में फैला है | इसके अंतर्गत जास्कर , लद्दाख , काराकोरम , पीरपंजाल और धौलाधार श्रेणियां सम्मिलित हैं |
2. कुमायु हिमालय सतलज एवं काली नदी के मध्य 320किमी की लम्बाई में फैला हुआ है | इसके पश्चिमी भाग को गढ़वाल हिमालय एवं पूर्वी भाग को कुमायूं हिमालय कहा जाता है | गंगोत्री,यमुनोत्री, नैनीताल इसी भाग में स्थित हैं |
3. नेपाल हिमालय काली एवं तिस्ता नदी के मध्य 800 किमी की लम्बाई में फैला है | यहाँ हिमालय की चौड़ाई सबसे कम है | इस भाग में भारत की सबसे ऊँची चोटियाँ कंचनजंगा , मैकालू , एवरेस्ट आदि स्थित हैं |
4. असम हिमालय यह तिस्ता से लेकर ब्रह्मपुत्र तक 750 किमी की लम्बाई में फैला हुआ है | यह भूटान, सिकिम , अरुणाचल प्रदेश एवं असम राज्यों में फैला है | इसकी सबसे ऊँची छोटी नामचा बरवा(7756 मी) है|
Block Mountain or Horst वे पर्वत जिनका निर्माण दो भूखंडों के बीच स्थित भूखंड के ऊपर उठ जाने से अथवा बाहरी दोनों भूखंडो के धंस जाने से होता है ब्लोक पर्वत कहलाते हैं | ब्लाक पर्वत के बीच स्थित भूमि को ग्राबेन कहते हैं |
इसका आकर मेज के सामान होता है जिसके किनारे तीव्र ढाल वाले होते हैं | इनकी उत्पत्ति में भ्रंशों के कारण होती है इसलिए इन्हें भ्रन्शोत्थ पर्वत भी कहा जाता है | जर्मन भाषा में इन्हें होर्स्ट कहा जाता है |
विन्धयाचल और सतपुरा ब्लाक पर्वत हैं जिनके मध्य भूभाग धंसने से नर्मदा नदी की घाटी का निर्माण हुआ है |