UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download | UGC NET जून परीक्षा 2024 एडमिट कार्ड ऐसे करें डाउनलोड

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) जून 2024 सत्र के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC NET) के एडमिट कार्ड जारी करने के लिए तैयार है। ये एडमिट कार्ड परीक्षा तिथि से 2-3 दिन पहले उपलब्ध होंगे। जिन उम्मीदवारों ने आवेदन किया है, वे आधिकारिक UGC NET वेबसाइट – ugcnet.nta.ac.in से अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

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UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : UGC NET एडमिट कार्ड 2024 डायरेक्ट लिंक

पहले, परीक्षा 18 जून को निर्धारित की गई थी, लेकिन संभावित पेपर लीक के कारण 19 जून को रद्द कर दी गई थी। बाद में पता चला कि परीक्षा का पेपर दो दिन पहले डार्क वेब पर लीक हो गया था। UGC NET जून 2024 परीक्षा के लिए पंजीकृत उम्मीदवार एडमिट कार्ड और परीक्षा स्लिप की जानकारी सहित सभी नवीनतम अपडेट यहाँ पा सकते हैं।

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download: CTET परिणाम 2024: यहाँ देखें

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download: UGC NET जून परीक्षा 2024 एडमिट कार्ड LIVE: कैसे डाउनलोड करें

  1. आधिकारिक वेबसाइट – http://www.ugcnet.nta.ac.in पर जाएँ।
  2. होमपेज पर “डाउनलोड एडमिट कार्ड” लिंक पर क्लिक करें।
  3. अपना आवेदन नंबर और जन्म तिथि दर्ज करें।
  4. आपका UGC NET 2024 एडमिट कार्ड स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा।
  5. एडमिट कार्ड डाउनलोड करें और उसे सेव कर लें, क्योंकि यह परीक्षा के दिन आपके हॉल टिकट के रूप में काम आएगा।

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : UGC NET जून परीक्षा 2024 एडमिट कार्ड LIVE: परीक्षा शुल्क विवरण

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : UGC NET के लिए परीक्षा शुल्क श्रेणी के अनुसार अलग-अलग है:

  • सामान्य श्रेणी: ₹1,150
  • OBC श्रेणी: ₹650
  • SC/ST/PwD श्रेणी: ₹325

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : परीक्षा मोड

UGC NET जून 2024 परीक्षा ऑनलाइन CBT (कंप्यूटर आधारित टेस्ट) मोड में आयोजित की जाएगी।

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download: पात्रता मानदंड

UGC NET परीक्षा के लिए पात्र होने के लिए उम्मीदवारों के पास स्नातकोत्तर डिग्री होनी चाहिए या वे अपने स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष में होने चाहिए।

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : परीक्षा की आवृत्ति

UGC NET परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा वर्ष में दो बार आयोजित की जाती है, एक बार जून में और एक बार दिसंबर में।

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download: सहायक प्रोफेसर पात्रता

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : सहायक प्रोफेसर के लिए पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार विभिन्न विश्वविद्यालयों/कॉलेजों में शिक्षण पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। वे पीएचडी के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, पीएचडी के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार। किसी भी सरकारी छात्रवृत्ति के लिए पात्र नहीं होंगे।

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : JRF (जूनियर रिसर्च फ़ेलोशिप)

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : UGC NET 2024 के माध्यम से NET JRF और सहायक प्रोफेसर के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार सहायक प्रोफेसर या रिसर्च स्कॉलर के रूप में करियर बना सकते हैं। JRF-योग्य उम्मीदवारों को पहले दो वर्षों के लिए ₹35,000 और तीसरे वर्ष से ₹42,000 की फ़ेलोशिप मिलती है। वे विभिन्न विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर पदों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : UGC NET क्या है?

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC NET) या NTA UGC NET एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जो भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर या जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) और सहायक प्रोफेसर दोनों पदों के लिए उम्मीदवारों की पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित की जाती है।

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : एडमिट कार्ड रिलीज की तारीख

UGC NET जून परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड परीक्षा से 3-4 दिन पहले जारी किया जाएगा, संभवतः 1 या 2 सितंबर को।

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : परीक्षा की तारीख

UGC NET जून संस्करण 2024 परीक्षा 21 अगस्त से 4 सितंबर के बीच आयोजित की जाएगी।

UGC NET ReExam Jun 2024 Admit Card Download : परीक्षा मोड और उद्देश्य

21 अगस्त से 4 सितंबर तक आयोजित UGC NET परीक्षा, भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरशिप और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए उम्मीदवारों की पात्रता का आकलन करती है। पहले पेन-एंड-पेपर मोड में आयोजित की जाने वाली परीक्षा अब कंप्यूटर-आधारित परीक्षा (CBT) है।

UGC NET जून परीक्षा 2024 एडमिट कार्ड LIVE: परीक्षा दिवस निर्देश

उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र पर अपने एडमिट कार्ड की हार्ड कॉपी लानी होगी, क्योंकि यह उनके प्रवेश टिकट के रूप में कार्य करता है।

UGC NET जून 2024: एडमिट कार्ड डाउनलोड करने की चरण-दर-चरण प्रक्रिया

  1. आधिकारिक वेबसाइट – ugcnet.nta.ac.in पर जाएँ।
  2. होमपेज पर “एडमिट कार्ड डाउनलोड करें” लिंक पर क्लिक करें।
  3. अपना आवेदन नंबर और जन्म तिथि दर्ज करें।
Major Soil Types in India

Major Soil Types in India | भारत में प्रमुख मिट्टी के प्रकार

Major Soil Types in India: भारत, अपनी विविध जलवायु परिस्थितियों और भौगोलिक विशेषताओं के साथ, मिट्टी के कई प्रकार की प्रजातियों की मेजबानी करता है। ये मिट्टी देश की कृषि विविधता का अभिन्न अंग हैं, जो विभिन्न फसलों का समर्थन करती हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान देती हैं। भारत में प्रमुख मिट्टी के प्रकारों को समझना प्रभावी कृषि पद्धतियों और टिकाऊ भूमि प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है। यह ब्लॉग पोस्ट भारत में पाई जाने वाली प्राथमिक मिट्टी के प्रकारों का गहन अवलोकन प्रदान करता है।

1. जलोढ़ मिट्टी

Major Soil Types in India : वितरण और गठन

जलोढ़ मिट्टी भारत में सबसे व्यापक मिट्टी समूह है, जो देश के कुल भूमि क्षेत्र का लगभग 40% कवर करती है। ये मिट्टी मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम राज्यों को शामिल करते हुए भारत-गंगा के मैदानों में पाई जाती है। जलोढ़ मिट्टी नदियों द्वारा लाई गई गाद और रेत के जमाव से बनती है, जिससे वे अत्यधिक उपजाऊ बन जाती हैं।

Major Soil Types in India: विशेषताएँ

  • बनावट: रेतीली दोमट से लेकर चिकनी दोमट तक भिन्न-भिन्न
  • उर्वरता: उच्च, नमी और पोषक तत्वों की अच्छी अवधारण के साथ
  • रंग: आम तौर पर छाया में हल्के से गहरे रंग का, कार्बनिक सामग्री पर निर्भर करता है
  • फसलें: चावल, गेहूं, गन्ना और दालों सहित कई प्रकार की फसलों के लिए उपयुक्त

2. काली मिट्टी (रेगुर मिट्टी)

वितरण और गठन

काली मिट्टी, जिसे रेगुर मिट्टी के रूप में भी जाना जाता है, मुख्य रूप से दक्कन के पठार में पाई जाती है, जो महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कुछ हिस्सों को कवर करती है। ये मिट्टी बेसाल्टिक लावा चट्टानों से प्राप्त होती है और अपनी उच्च मिट्टी सामग्री के लिए जानी जाती है।

विशेषताएँ

  • बनावट: चिकनी मिट्टी, जो नमी में परिवर्तन के साथ फूल और सिकुड़ सकती है
  • उर्वरता: कैल्शियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम, पोटाश और चूने जैसे खनिजों से भरपूर
  • रंग: गहरे काले से भूरे-काले
  • फसलें: कपास की खेती के लिए आदर्श, इसलिए इसे “काली कपास मिट्टी” भी कहा जाता है; ज्वार, बाजरा, दालें और तिलहन जैसी फसलों को सहारा देती है

3. लाल और पीली मिट्टी

वितरण और गठन

लाल और पीली मिट्टी भारत के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में प्रचलित है, जिसमें तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। ये मिट्टी अपक्षयित क्रिस्टलीय और रूपांतरित चट्टानों से बनती है।

विशेषताएँ

  • बनावट: रेतीली से चिकनी दोमट मिट्टी
  • उर्वरता: कम कार्बनिक पदार्थ, अक्सर गहन खेती के लिए उर्वरकों की आवश्यकता होती है
  • रंग: फेरिक ऑक्साइड के कारण लाल रंग, हाइड्रेट होने पर पीला
  • फसलें: मूंगफली, दालें, बाजरा और कुछ फलों जैसी फसलों के लिए उपयुक्त

4. लेटेराइट मिट्टी

वितरण और गठन

लेटेराइट मिट्टी उच्च वर्षा और तापमान वाले क्षेत्रों में पाई जाती है, जैसे पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट, ओडिशा के कुछ हिस्से, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्य। वे तीव्र निक्षालन और रासायनिक अपक्षय की स्थितियों में बनते हैं।

विशेषताएँ

  • बनावट: विविध, बजरी से लेकर दोमट तक
  • उर्वरता: आम तौर पर कम, कृषि उपयोग के लिए चूने और उर्वरकों की आवश्यकता होती है
  • रंग: लाल से भूरा, उच्च लौह और एल्यूमीनियम सामग्री के कारण
  • फसलें: चाय, कॉफी, रबर और काजू के लिए उपयुक्त; निर्माण सामग्री के लिए भी उपयोग किया जाता है

5. शुष्क और रेगिस्तानी मिट्टी

वितरण और गठन

शुष्क और रेगिस्तानी मिट्टी मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात और हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों के शुष्क क्षेत्रों में पाई जाती है। इन मिट्टी की विशेषता कम वर्षा और उच्च तापमान है।

विशेषताएँ

  • बनावट: रेतीली से रेतीली दोमट
  • उर्वरता: कम, उच्च लवणता और क्षारीयता के साथ; खेती के लिए सिंचाई और मिट्टी उपचार की आवश्यकता होती है
  • रंग: हल्के भूरे से लाल-भूरे रंग तक
  • फसलें: जौ, बाजरा और कुछ दालों जैसी सूखा प्रतिरोधी फसलों के लिए उपयुक्त

6. पहाड़ी और वन मिट्टी

वितरण और गठन

पहाड़ी और वन मिट्टी हिमालय, पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट के पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित हैं। ये मिट्टी कार्बनिक पदार्थों के अपघटन और चट्टानों के अपक्षय से बनती है।

विशेषताएँ

  • बनावट: व्यापक रूप से भिन्न होती है, जिसमें अक्सर रेत, गाद और मिट्टी का मिश्रण होता है
  • उर्वरता: आम तौर पर कार्बनिक पदार्थों से भरपूर लेकिन काफी भिन्न हो सकती है
  • रंग: गहरे भूरे से काले रंग की, उच्च ह्यूमस सामग्री के कारण
  • फसलें: ऊँचाई के आधार पर विभिन्न प्रकार की फसलों का समर्थन करती है, जैसे कि चाय, कॉफी, मसाले और फल

Major Soil Types in India: निष्कर्ष

Major Soil Types in India Major Soil Types in India Major Soil Types in India Major Soil Types in India Major Soil Types in India Major Soil Types in India Major Soil Types in India Major Soil Types in India Major Soil Types in India Major Soil Types in India Major Soil Types in India Major Soil Types in India Major Soil Types in India भारत की विविध मिट्टी के प्रकार इसके विशाल और विविध परिदृश्य को दर्शाते हैं, जिनमें से प्रत्येक में अलग-अलग कृषि पद्धतियों के लिए अद्वितीय विशेषताएँ और उपयुक्तताएँ हैं। इन मिट्टी के प्रकारों को समझना कृषि उत्पादन को अनुकूलित करने, टिकाऊ भूमि उपयोग को बढ़ावा देने और लाखों किसानों की आजीविका का समर्थन करने में मदद करता है। मिट्टी-विशिष्ट कृषि तकनीकों को अपनाकर, भारत अपनी कृषि उत्पादकता को बढ़ा सकता है और अपनी बढ़ती आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।

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CUET UG 2024 Result

CUET UG 2024 Result : CUET (UG) 2024 के परिणाम घोषित

CUET UG 2024 Result : राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालयों और अन्य भाग लेने वाले संस्थानों में स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (UG) 2024 के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस वर्ष, CUET (UG) को हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया था, जिसमें कुल 14,99,790 पंजीकृत उम्मीदवार थे, जिसमें 33 भाषाओं, 29 डोमेन-विशिष्ट विषयों और एक सामान्य परीक्षा सहित 63 विषय शामिल थे।

CUET UG 2024 Result : CUET (UG) 2024 की मुख्य विशेषताएं

  • परीक्षा विवरण: परीक्षा मई 2024 में विभिन्न तिथियों पर आयोजित की गई थी, दोनों पेन और पेपर (OMR-आधारित) और कंप्यूटर-आधारित परीक्षण (CBT) प्रारूपों में। कुल 13,47,820 अद्वितीय उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 11,13,610 परीक्षा में शामिल हुए।
  • विषय और माध्यम लचीलापन: उम्मीदवार भाषा और सामान्य परीक्षा सहित छह विषयों तक का चयन कर सकते थे। परीक्षा में 63 विषय शामिल थे, जिसमें फैशन अध्ययन और पर्यटन जैसे नए विषय भी शामिल थे। प्रश्न पत्र 13 भाषाओं में उपलब्ध थे, जिससे विविध छात्र आबादी को समायोजित किया जा सके।
  • व्यापक पहुंच: परीक्षा भारत भर के 379 शहरों और विदेशों के 26 शहरों में आयोजित की गई थी, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों के लिए पहुँच सुनिश्चित हुई।
  • समर्थन और पारदर्शिता: NTA ने उम्मीदवारों को अनंतिम उत्तर कुंजी को चुनौती देने का अवसर प्रदान किया, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हुई। इन चुनौतियों पर विचार करने के बाद अंतिम उत्तर कुंजी तैयार की गई।
  • परिणाम और आगे की प्रक्रिया: परिणाम आधिकारिक CUET वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। NTA की भूमिका परीक्षा आयोजित करने, परिणाम घोषित करने और स्कोरकार्ड प्रदान करने तक सीमित थी। मेरिट सूची और उसके बाद की प्रवेश प्रक्रिया संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा प्रबंधित की जाएगी।

CUET UG 2024 Result : Cutoff Marks

CUET UG 2024 Result : परीक्षा की निगरानी और सुरक्षा

CUET UG 2024 Result: सीसीटीवी निगरानी, ​​एआई-आधारित वीडियो एनालिटिक्स और पर्यवेक्षकों और समन्वयकों की तैनाती के साथ परीक्षा की बारीकी से निगरानी की गई। CUET UG 2024 Result: मोबाइल नेटवर्क का उपयोग करके धोखाधड़ी को रोकने के लिए जैमर लगाए गए थे।

CUET UG 2024 Result: जनसांख्यिकी और सांख्यिकी

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अधिक विस्तृत जानकारी के लिए, उम्मीदवार और संस्थान आधिकारिक CUET वेबसाइट पर जा सकते हैं या NTA हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं।


CUET (UG) 2024 के परिणामों का यह व्यापक अवलोकन परीक्षा प्रक्रिया के पैमाने, पारदर्शिता और पहुँच पर प्रकाश डालता है, जो हितधारकों और भावी उम्मीदवारों के लिए मूल्यवान जानकारी प्रदान करता है। आधिकारिक घोषणा और विस्तृत डेटा के लिए, कृपया आधिकारिक NTA वेबसाइट https://exams.nta.ac.in/CUET-UG/ देखें।

Download Alan Wake Full Game

Download Alan Wake Full Game : Dive into a Thrilling Adventure

Download Alan Wake Full Game: Are you ready for a spine-tingling adventure that blends psychological horror with intense action? Look no further than “Alan Wake,” an award-winning game that has captivated players with its gripping storyline and immersive gameplay. In this blog post, we’ll explore why “Alan Wake” is a must-play and how you can download the full game to experience this chilling tale for yourself.

Download Alan Wake Full Game: A Story Worth Telling

Download Alan Wake Full Game : “Alan Wake” follows the story of its titular character, a best-selling author who travels to the eerie town of Bright Falls. What begins as a peaceful retreat soon spirals into a nightmare when Alan’s wife, Alice, mysteriously disappears. As Alan delves deeper into the darkness, he discovers pages of a thriller he doesn’t remember writing, and the events described in the manuscript start coming true. This unique narrative structure keeps players on edge, blending the line between reality and fiction in a way that few games manage to achieve.

Download Alan Wake Full Game: Gameplay Mechanics: Light vs. Darkness

Download Alan Wake Full Game: One of the standout features of “Alan Wake” is its innovative use of light as a gameplay mechanic. The game pits players against “The Taken,” shadowy figures that can only be harmed by light. Players must use flashlights, flares, and other light sources to weaken enemies before finishing them off with conventional weapons. This mechanic not only adds a layer of strategy but also heightens the suspense, as managing limited resources becomes crucial to survival.

Download Alan Wake Full Game: Stunning Visuals and Atmosphere

Download Alan Wake Full Game: The game’s setting, Bright Falls, is brought to life with stunning visuals and a haunting atmosphere. From dense forests to abandoned buildings, each location is meticulously designed to immerse players in the game’s eerie world. The dynamic lighting and weather effects further enhance the experience, creating an environment that feels both beautiful and unsettling.

How to Download Alan Wake

Downloading “Alan Wake” is straightforward. The game is available on multiple platforms, including PC and Xbox. Here’s a quick guide to getting started:

  1. Check System Requirements: Before downloading, ensure your system meets the game’s minimum requirements to enjoy a smooth gaming experience.
  2. Choose a Platform: “Alan Wake” can be purchased from various digital stores, including Steam, the Epic Games Store, and the Xbox Marketplace. Choose the platform that suits your preference.
  3. Purchase and Download: Once you’ve selected your platform, purchase the game. The download size is approximately 8 GB, so make sure you have enough storage space and a stable internet connection for a hassle-free download.
  4. Install and Play: After downloading, follow the installation instructions. Once installed, you’re all set to dive into the world of “Alan Wake.”

Conclusion

“Alan Wake” is more than just a game; it’s an experience that combines a compelling narrative, innovative gameplay mechanics, and a haunting atmosphere. Whether you’re a fan of horror games or looking for a story-driven adventure, “Alan Wake” offers something for everyone. Don’t miss out on this iconic title—download the full game today and uncover the mysteries hidden within Bright Falls.

Happy gaming!

Bio Diversity and its types

Bio Diversity and its types | जैव विविधता एवं इसके प्रकार

Bio Diversity and its types: जीव विविधता, पृथ्वी पर जीवन की विविधता, हमारे ग्रह के स्वास्थ्य और लचीलापन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें विभिन्न प्रकार की प्रजातियाँ, पारिस्थितिकी तंत्र और आनुवंशिक विविधताएँ शामिल हैं। जीव विविधता को भौगोलिक दृष्टिकोण से समझना हमें यह जानने में मदद करता है कि जीवन कैसे विभिन्न वातावरणों के अनुरूप ढलता है और ये अनुकूलन कैसे हमारी दुनिया को आकार देते हैं। इस पोस्ट में, हम जीव विविधता के विभिन्न प्रकारों की खोज करेंगे, जिसमें अल्फा, बीटा, और गामा विविधता शामिल हैं, और उनके भौगोलिक वितरण पर चर्चा करेंगे।

1. प्रजातियों की विविधता

प्रजातियों की विविधता किसी विशिष्ट क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों की संख्या को संदर्भित करती है। यह विविधता भौगोलिक कारकों के कारण दुनिया भर में काफी भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, अमेज़न जैसे उष्णकटिबंधीय वर्षावन प्रजातियों की विविधता में समृद्ध होते हैं, जो उनके गर्म जलवायु और प्रचुर वर्षा के कारण कई पौधों, जानवरों, और सूक्ष्मजीवों की मेजबानी करते हैं। इसके विपरीत, रेगिस्तान जैसे कठोर और शुष्क क्षेत्रों में कम प्रजातियाँ होती हैं।

Bio Diversity and its types: अल्फा, बीटा, और गामा विविधता

  • अल्फा विविधता: यह एक विशिष्ट क्षेत्र या पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर की विविधता को मापती है, जो अक्सर उस निवास स्थान के भीतर प्रजातियों की संख्या (प्रजातियों की समृद्धि) के द्वारा मापी जाती है। उदाहरण के लिए, एक प्रवाल भित्ति में विभिन्न समुद्री प्रजातियों के कारण उच्च अल्फा विविधता हो सकती है।
  • बीटा विविधता: यह पारिस्थितिकी तंत्रों के बीच की विविधता को मापती है, जो एक निवास स्थान से दूसरे तक प्रजातियों की संरचना में बदलाव की दर को दर्शाती है। उदाहरण के लिए, उष्णकटिबंधीय वर्षावन में पाई जाने वाली प्रजातियाँ एक पास के सवाना की तुलना में काफी भिन्न हो सकती हैं, जो इन पारिस्थितिकी तंत्रों के बीच के अंतर को उजागर करती है।
  • गामा विविधता: यह एक बड़े क्षेत्र में समग्र प्रजाति विविधता को संदर्भित करती है जिसमें कई पारिस्थितिकी तंत्र शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, गामा विविधता अमेज़न बेसिन के भीतर सभी पारिस्थितिकी तंत्रों में पाई जाने वाली सभी प्रजातियों की पूरी श्रृंखला को कवर करेगी।

2. पारिस्थितिकी तंत्र की विविधता

पारिस्थितिकी तंत्र की विविधता किसी भौगोलिक क्षेत्र के भीतर विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्रों की विविधता को संदर्भित करती है, जिनमें से प्रत्येक अद्वितीय आवास और संसाधन प्रदान करता है। पृथ्वी पर जंगल, घास के मैदान, आर्द्रभूमि, महासागर, नदियाँ और पहाड़ जैसे विविध पारिस्थितिकी तंत्र हैं। इन सभी पारिस्थितिकी तंत्रों में विभिन्न जीवन रूप होते हैं, जो ग्रह की समग्र जैव विविधता में योगदान करते हैं। उदाहरण के लिए, प्रवाल भित्तियाँ, जिन्हें “समुद्र के वर्षावन” के रूप में जाना जाता है, समुद्री जीवन में अत्यधिक समृद्ध हैं, जबकि अल्पाइन पारिस्थितिकी तंत्र उन प्रजातियों की मेजबानी करते हैं जो ठंडे, उच्च ऊंचाई वाली स्थितियों के अनुकूल होती हैं।

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3. आनुवंशिक विविधता

आनुवंशिक विविधता किसी प्रजाति के भीतर जीन में भिन्नता को संदर्भित करती है। यह विविधता प्रजातियों की उत्तरजीविता और अनुकूलन क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे जनसंख्या पर्यावरणीय परिवर्तनों, बीमारियों और अन्य खतरों से निपटने में सक्षम होती है। भौगोलिक रूप से, आनुवंशिक विविधता आवास आकार, अलगाव, और पर्यावरणीय स्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकती है। पृथक क्षेत्र, जैसे द्वीप, अक्सर सीमित जीन प्रवाह के कारण अद्वितीय आनुवंशिक लक्षण होते हैं, जबकि व्यापक रूप से फैली हुई प्रजातियाँ विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण आनुवंशिक भिन्नता प्रदर्शित कर सकती हैं।

भौगोलिक पैटर्न और संरक्षण

जीव विविधता के भौगोलिक वितरण को समझना संरक्षण प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण है। जैव विविधता हॉटस्पॉट—वे क्षेत्र जो अत्यधिक प्रजाति विविधता वाले हैं और खतरे में हैं—संरक्षणवादियों के लिए एक प्राथमिकता हैं। इन क्षेत्रों की रक्षा करना दुनिया की जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सुरक्षित रखने में मदद करता है। इसके अलावा, विविध पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखना पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जैसे पानी की शुद्धता, जलवायु विनियमन, और मृदा उर्वरता, जो मानव उत्तरजीविता और भलाई के लिए आवश्यक हैं।

निष्कर्ष

जीव विविधता हमारे ग्रह का एक जटिल और गतिशील पहलू है, जो असंख्य भौगोलिक कारकों से प्रभावित होता है। प्रजातियों, पारिस्थितिकी तंत्र, और आनुवंशिक विविधता, साथ ही अल्फा, बीटा, और गामा विविधता के महत्व को समझकर, हम पृथ्वी के समृद्ध जीवन के ताने-बाने की गहरी समझ प्राप्त करते हैं। यह ज्ञान संरक्षण प्रयासों के लिए आवश्यक है, जो हमें प्राकृतिक दुनिया की रक्षा करने और इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए टिकाऊ बनाए रखने में मदद करता है।

Plate Tectonic Theory

Plate Tectonic Theory | प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत

Plate Tectonic Theory

Plate Tectonic Theory. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत महाद्वीपों एवं महासागरों के सञ्चालन से सम्बंधित सिद्धांत है | इसमें पृथ्वी को अलग अलग प्लेटों में विभाजित माना गया है | स्थलीय दृढ भूखंड को प्लेट कहते हैं | प्लेटों के स्वभाव एवं प्रवाह से सम्बंधित अध्ययन को प्लेट विवर्तनिकी कहा जाता है |

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत का प्रतिपादन 1965 ई में मॉर्गन व आइजेक ने किया | मकेंजी , पार्कर व होम्स इसके मुख्य समर्थक हैं |

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत में पृथ्वी की भू पर्पटी को अनेक प्लेटों में विभक्त किया गया है | ये प्लेटें 100किमी की मोटाई वाले स्थल मंडल से निर्मित होती हैं तथा दुर्बलमंडल (एस्थेनोस्फेयर ) पर तैरती रहती हैं | अभी तक 7 बड़ी एवं 20 छोटी प्लेटों का पता लगाया गया है | plate tectonic theory. according to plate tectonic theory. tectonic plates movement.

Plate Tectonic Theory | प्रमुख प्लेटें

  • अफ़्रीकी प्लेट
  • उत्तरी अमेरिकी प्लेट
  • दक्षिणी अमेरिकी प्लेट
  • अन्टार्कटिका प्लेट
  • इंडो ऑस्ट्रलियन प्लेट
  • यूरेशियन प्लेट
  • प्रशांत महासागरीय प्लेट

Plate Tectonic Theory | लघु प्लेटें

  • अरेबियन प्लेट
  • बिस्मार्क प्लेट
  • केरिबियन प्लेट
  • केरोलिना प्लेट
  • कोकोस प्लेट
  • जुआन डी फूका प्लेट
  • नाजका प्लेट
  • स्कोटिश प्लेट
  • इंडियन प्लेट
  • पर्शियन प्लेट
  • अनातोलियन प्लेट
  • चाइना प्लेट
  • फूजी प्लेट
  • सोमाली प्लेट
  • बर्मी प्लेट

Plate Tectonic Theory | प्लेट सीमाएं अथवा किनारे

भूगार्भिक दृष्टिकोण से प्लेट किनारे सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इन्हीं के सहारे भूकंप , ज्वालामुखी एवं अन्य विवर्तनिक घटनाएँ संपन्न होती हैं |

सामान्यतः प्लेट किनारों को तीन वर्गों में विभाजित किया गया है –

  1. रचनात्मक प्लेट किनारा – दो तापीय संवहन तरंगो के ऊपरी मुखी स्तंभों के ऊपर अवस्थित हैं | यहाँ से दो प्लेट एक दुसरे से विपरीत दिशा में गतिशील होती हैं  जिससे दोनों के मध्य भ्रंश दरार का निर्माण होता है तथा एस्थेनोस्फेयर का मैग्मा ऊपर आता है एवं नयी क्रस्ट का निर्माण होता है इस लिए इसे रचनात्मक किनारा कहा जाता है | इस किनारे पर प्लेटों की गति अपसारी गति कहलाती है |
  2. विनाशात्मक प्लेट किनारा – दो तापीय संवहन तरंगो के अधोमुखी स्तंभों के ऊपर अवस्थित है इससे दो प्लेटें एक दुसरे की ओर गति करती हैं तथा भारी प्लेट का क्षेपण हलकी प्लेट के निचे होता है इससे क्रस्ट का विनाश होता है अतः इसे विनाशात्मक प्लेट किनारा कहते हैं | इस क्षेत्र को बेनी ऑफ़ जोन कहा जाता है |
  3. संरक्षी प्लेट किनारा – जब दो प्लेटें एक दुसरे के समानांतर गति करती हैं तब ऐसा किनारा संरक्षी किनारा कहलाता है | इनके किनारे रूपांतर भ्रंश का निर्माण होता है एवं भूकंप का अनुभव किया जाता है |

प्लेटों की गति के कारण

  • भू पर्पटी का घनत्व एस्थेनो स्फीयर से कम होना |
  • मेंटल में उत्पन्न संवहन तरंगे प्लेटों की गति हेतु ऊष्मा के स्त्रोत का काम करती हैं |
  • गुरुत्वाकर्षण फिसलन |
  • पृथ्वी का घूर्णन एवं सूर्य व चन्द्रमा के कारण उत्पन्न ज्वारीय घर्षण |
  • प्लूम या ऊपर उठती बेलनाकार तरंगें |

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Munjya(Full Movie): Download Here in HD(1080) for Free

Are you looking to download the Munjya full movie in HD 1080p for free? You’ve come to the right place. Munjya is a popular movie that has captured the hearts of many fans. It’s no surprise that people want to watch it in high quality. In this article, we will guide you on how to download Munjya in HD 1080p for free. We will also discuss the legal and safe ways to enjoy the movie.

What is Munjya?

Munjya is a film that has gained significant popularity. The story, acting, and direction have all received positive reviews. Fans love the engaging plot and memorable characters. It’s a movie that you wouldn’t want to miss.

Why HD 1080p?

Watching movies in HD 1080p offers a better experience. The picture is clearer, and you can see every detail. The sound quality is also improved. Watching Munjya in HD 1080p will make you feel like you are in a cinema.

Legal Considerations

Before we proceed, it’s important to note that downloading movies for free can be illegal. Many websites offering free downloads do so without proper licenses. This can lead to legal issues. Always consider the legal implications and try to use official platforms.

Safe Downloading

If you want to download Munjya safely, follow these tips:

  1. Use Trusted Websites: Only download from websites that are known and trusted. Avoid unknown sites as they can contain malware.
  2. Check Reviews: Look for reviews of the website before downloading. Other users’ experiences can tell you a lot about the safety of the site.
  3. Use Antivirus Software: Make sure your computer has good antivirus software. This will protect you from any potential threats.
  4. Avoid Personal Information: Do not give out personal information on websites offering free downloads.

Steps to Download Munjya in HD 1080p for Free

Here is a step-by-step guide to help you download Munjya:

  1. Search for the Movie: Use a search engine to look for “Munjya full movie free download HD 1080p”. You will get many results.
  2. Choose a Trusted Site: From the search results, choose a site that is known and trusted. Look for sites with positive reviews.
  3. Find the Download Link: Once you are on the site, find the download link for Munjya in HD 1080p. Make sure it’s the correct link.
  4. Click the Link: Click on the download link. You may be redirected to another page. Follow the instructions carefully.
  5. Complete the Download: Wait for the download to complete. This may take some time depending on your internet speed.
  6. Check the File: Once downloaded, check the file to ensure it’s the correct movie and quality.

Alternatives to Downloading

If you are unable to find a safe way to download Munjya, consider these alternatives:

  1. Streaming Services: Use legal streaming services. Many platforms offer movies in HD. You might need to pay a small fee, but it’s safe and legal.
  2. Rent or Buy: Rent or buy the movie from online stores. This ensures you get high-quality content without legal issues.
  3. Library: Check if your local library offers digital movie rentals. This can be a free and legal way to watch movies.

Conclusion

Downloading Munjya in HD 1080p for free can be tempting. However, it’s important to consider the legal and safety aspects. Always use trusted websites and protect your computer. If in doubt, consider legal alternatives like streaming or renting. Enjoy the movie and have a great time watching Munjya in high definition!

Final Note

As of today, it’s important to stay updated on the latest legal options for watching movies. Keep checking official sources for Munjya and other popular movies. Enjoy your movie experience!

Atmopsheric Pressure

Atmospheric Pressure

Atmospheric Pressure

Atmospheric Pressure. The weight exerted by all the layers of the atmosphere on a unit area at a place is called air pressure. The atmosphere on the surface of the earth exerts air pressure due to the force of gravity.

Measurement of air pressure

Measurement of air pressure– Air pressure is measured by barometer (fortrin or aneroid). The unit of measurement of air pressure is millibar or hectopascal. The prevailing unit in India is millibar. 1 millibar is equal to one gram weight on 1 square cm.

A rapid fall in the barometric reading indicates the onset of a storm. A rapid steady rise in the reading is an indication of clear weather or an anticyclonic condition. The distribution of air pressure is shown by isobars.

Isobars are lines formed by joining places of equal air pressure on the sea level. In this the effect of altitude on air pressure is removed. The distance between two equal pressure lines is called the air pressure gradient / barometric gradient.

Atmospheric Pressure | Distribution of Air Pressure

Atmospheric Pressure. There are two types of distribution of air pressure –

Vertical Distribution – Generally the air pressure decreases with increase in altitude. There is a decrease of one millibar for every 10 meters of altitude. At an altitude of 6 km, the air pressure remains almost half. Filled gases are found in the lower layers of the atmosphere and the force of gravity is more.

Horizontal Distribution – A total of 7 air pressure belts are found on the earth. The equatorial low pressure belt and the polar high pressure belt are thermogenic, while the 30-35 degree belt subtropical high pressure belt and the subpolar low pressure belt at 60-65 degree are kinetic.

Latitude 30-35 is called horse latitude because in ancient times horses were sometimes thrown into the sea for easy navigation of boats carrying horses.


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The Living Rainforest

The Living Rainforest.Welcome to the mesmerizing world of the Living Rainforest, a place where nature thrives in all its splendor. Nestled within the heart of a tropical paradise, this lush oasis offers a unique and immersive experience for nature enthusiasts, eco-adventurers, and anyone seeking to connect with the wonders of our planet. In this blog, we’ll embark on a virtual journey through the Living Rainforest, delving into its breathtaking beauty, incredible biodiversity, and the vital role it plays in sustaining life on Earth.

A Green Paradise: Discovering the Living Rainforest

Step into the Living Rainforest, and you’ll find yourself transported into a world of verdant beauty. The air is thick with humidity, and the symphony of sounds from tropical birds, cascading waterfalls, and buzzing insects fills your ears. Towering trees with intricate canopies cast dappled sunlight on the forest floor, where an array of vibrant plant life thrives. As you venture deeper into the rainforest, you’ll encounter a multitude of ecosystems, each teeming with life and offering a captivating glimpse into the delicate balance of nature.

Biodiversity Galore: A Haven for Flora and Fauna

The Living Rainforest is a biodiversity hotspot, brimming with an astonishing array of plant and animal species. The forest floor is adorned with an assortment of ferns, orchids, and bromeliads, while towering trees such as the mighty kapok and majestic mahogany create a majestic canopy overhead. Colorful butterflies flit through the air, monkeys swing from branch to branch, and exotic birds like the resplendent quetzal and toucans fill the forest with their vibrant plumage and melodious calls. The diversity of life found here is awe-inspiring and serves as a testament to the resilience and adaptability of nature.

Guardians of the Earth: Environmental Importance of the Living Rainforest

Beyond its natural beauty, the Living Rainforest plays a crucial role in maintaining the health of our planet. Rainforests act as the lungs of the Earth, absorbing carbon dioxide and releasing oxygen, thus mitigating climate change. They also serve as invaluable habitats for countless species, many of which are yet to be discovered. The rainforest’s intricate web of life and complex ecosystems offer valuable lessons on interdependence and sustainability, highlighting the need for conservation efforts to protect these delicate environments from deforestation and exploitation.

Conservation and Education: The Living Rainforest’s Mission

The Living Rainforest is not only a place of wonder but also a center for conservation and education. The dedicated team of scientists, researchers, and educators work tirelessly to preserve the rainforest and raise awareness about its importance. Through interactive exhibits, educational programs, and outreach initiatives, they aim to inspire visitors to become stewards of the environment, promoting sustainable practices and fostering a deeper understanding of our interconnectedness with nature.

Your Role in Protecting Rainforests

Visiting or supporting the Living Rainforest is just one way to contribute to rainforest conservation efforts. Here are a few more steps you can take:

  • Learn and educate: Educate yourself and others about the importance of rainforests and the threats they face. Share your knowledge and encourage sustainable practices in your community.
  • Support sustainable products: Choose products made from sustainable resources and avoid those linked to deforestation, such as palm oil.
  • Reduce, reuse, and recycle: Adopt eco-friendly habits in your daily life to reduce your environmental footprint.
  • Get involved: Support organizations dedicated to rainforest conservation through donations or volunteer work.

Conclusion:

The Living Rainforest is a living testament to the awe-inspiring beauty and vital importance of rainforests.

Largest indoor rainforest UK

The Eden Project is a 30-acre site near St Austell in Cornwall that is popular both with guests staying at the Langstone Cliff Hotel, and with visitors from around the world

Temperate rainforest UK

In the UK, rainforest are situated  to the west of Scotland and north Wales, as well as pockets in the Lake District and south-west England

Indoor rainforest London

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Rainforest and why they are important

Since they absorb huge amount of CO2 hence they are called Lungs of Nature.


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Western Disturbances

Western Disturbances. Western Disturbance is an atmospheric system formed from temperate cyclones originating in the Mediterranean region. These storms bring sudden winter.
Rainfall in the northwestern parts of the Indian subcontinent is known as Western Disturbance. It is a global climate event.

They enter the Indian subcontinent in winter due to the southward shift of the pressure belts in the Mediterranean Sea and are responsible for the winter rainfall. They originate from the Caspian Sea. And the land is in the middle sea.

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Western Disturbances | Temperate Cyclone

Western Disturbances. These cyclones are formed by meeting of warm and cold air masses at the meeting place of cold front and warm front. They move from west to east under the influence of westerly winds. They affect the weather of entire Europe.

Western Disturbances | Impact on climate

  • It plays an important role in bringing moderate to heavy rain in the low-lying areas and heavy snow in the hilly regions of the Indian subcontinent.
  • Their arrival is usually accompanied by cloudy skies, high night temperatures and unusual rainfall.
  • The monsoon rains that result from these are extremely beneficial for rabi crops.
  • They are the carriers of cold wave in the Indian Gangetic plain.

Western Disturbances | Mavath


The rain that occurs in winter due to Western Disturbance is called Maavath

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WESTERN GHATS AND EASTERN GHAT MOUNTAINS

WESTERN GHATS AND EASTERN GHAT MOUNTAINS.The Western Ghats and Eastern Ghats mountains are located on the western and eastern sides of peninsular India. The Western Ghats are block mountains while the Eastern Ghats are remnants of the Moddar range. The Western Ghats are continuous ranges while the Eastern Ghats are located in the form of broken ranges.

WESTERN GHATS AND EASTERN GHAT MOUNTAINS Western Ghats

  • Average altitude 1000 to 1300 meters.
  • It is spread over a length of 1600 km from the banks of Tapi river to Kanyakumari.
  • The four major passes are Palghat, Bhorghat, Thalghat and Senkota Pass.
  • It is not a real mountain range but a fringe of the peninsular plateau.
  • The highest peak Annaimudi is situated in the hills of Annamalai.
  • Further increase in altitude from north to south.
  • Maharashtra is known as Sahyadri in Goa and Karnataka.

WESTERN GHATS AND EASTERN GHAT MOUNTAINS Eastern Ghat Mountains

  • Average height 900 to 1100 meters.
  • Extended over a length of 1800 km from the Mahanadi valley to the Nilgiris in the south.
  • They are also known as Purvadri category.
  • Residual form of ancient folded mountain.
  • Its highest peak is Visakhapatnam peak which has a height of 1680 meters.
  • The rivers falling in the Bay of Bengal have eroded it from place to place.

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MAJOR PASSES OF INDIA | भारत के प्रमुख दर्रे

MAJOR PASSES OF INDIA | भारत के प्रमुख दर्रे: MAJOR PASSES OF INDIA. पर्वतीय क्षेत्रो में पाए जाने वाले आवागमन के प्राकृतिक मार्ग जो दो ऊँची पहाडियों के मध्य निम्न भूमि होते हैं दर्रे कहलाते हैं | पहाड़ी क्षेत्रो में परिवहन हेतु ये अत्यंत महत्वपूर्ण है | भारत के कुछ प्रमुख दर्रों का विवरण नीचे दिया गया है |MAJOR PASSES OF INDIA.

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MAJOR PASSES OF INDIA | भारत के प्रमुख दर्रे: MAJOR PASSES OF INDIA | प्रमुख दर्रे

MAJOR PASSES OF INDIA | भारत के प्रमुख दर्रे: Important passes in jammu and kashmir.passes in himalayas upsc. passes of india upsc.mountain passes in india map.

  1. काराकोरम दर्रा — यह लद्दाख में काराकोरम श्रेणी में स्थित है | यह 5540 मी की ऊंचाई पर स्थित है | यहाँ से होकर यारकंद एवं तारिम बेसिन का मार्ग गुजरता है |
  2. जोजिला दर्रा – यह लद्दाख में समुद्र तल से लगभग 3528 मी की ऊंचाई पर स्थित है  जो श्रीनगर को कारगिल और लेह से जोड़ता है | यहाँ 14 किमी लम्बी जोजिला सुरंग है जो एशिया की सबसे लम्बी द्विदिशा वाली सुरंग है |
  3. बुर्जिल दर्रा – यह कश्मीर घाटी को लद्दाख के मैदान से जोड़ता है | बर्फ से ढक जाने के कारन यह शीतकाल में परिवहन एवं व्यापर के लिए बंद रहता है |
  4. पीर पंजाल दर्रा – यह जम्मू कश्मीर के दक्षिण पश्चिम में स्थित है यह जम्मू को श्रीनगर से जोड़ता है | उप प्रायद्वीप विभाजन के बाद से यह दर्रा बंद है |
  5. बनिहाल दर्रा – जम्मू कश्मीर के दक्षिण पश्चिम में स्थित यह दर्रा जम्मू को श्रीनगर से जोड़ता है | शीत ऋतु में यह बर्फ से ढका रहता है |
  6. शिपकी ला – समुद्र तल से 5669 मी से भी अधिक ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा सतलज महाखड्ड से होकर हिमाचल प्रदेश को तिब्बत से जोड़ता है | सतलज नदी इसी दर्रे से होकर भारत में प्रवेश करती है |
  7. रोहतांग दर्रा – यह हिमाचल प्रदेश की पीरपंजाल श्रेणी में स्थित है इसकी औसत ऊंचाई 3979 मी है | यह मनाली को लेह सड़क मार्ग से जोड़ता है | इसे लाहुल स्पीती जिले का प्रवेश द्वार कहा जाता है |
  8. बड़ा लाचाला – 4890 मी की ऊंचाई पर स्थित हिमाचल प्रदेश में यह दर्रा मनाली को लेह से जोड़ने वाले राष्ट्रिय राजमार्ग पर स्थित है | शीत ऋतु में यह आवागमन के लिए बंद हो जाता  है |
  9. माना दर्रा – यह महान हिमालय की कुमायूं पहाड़ियों में समुद्र तल से लगभग 5611 मी की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा उत्तराखंड को तिब्बत से जोड़ता है | शीतकाल में बर्फ से ढका रहता है |
  10. नीति दर्रा – 5068 मी की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा उत्तराखंड के कुमायु में स्थित है | यह उत्तराखंड को तिब्बत से जोड़ता है |
  11. नाथुला दर्रा – 1962 के भारत चीन युद्ध के कारन चर्चा में रहा यह दर्रा सिक्किम राज्य की डोगेक्या श्रेणी में स्थित है | यह प्राचीन रेशम मार्ग पर स्थित है |
  12. जेलेप्ला दर्रा – यह सिक्किम में स्थित है जो दार्जिलिंग व चुम्बी घाटी से होकर तिब्बत जाने का मार्ग है | यह सिक्किम को लहासा से जोड़ता है |
  13. बोम्दिला दर्रा – यह अरुणाचल प्रदेश में स्थित है | इससे तवांग घाटी से होकर तिब्बत जाने का मार्ग गुजरता है |
  14. यांग्याप दर्रा – यह अरुणाचल प्रदेश के उत्तर पूर्व में स्थित है | इसी दर्रे के पास से ब्रह्मपुत्र नदी भारत में प्रवेश करती है |
  15. दिफू दर्रा – यह अरुणाचल प्रदेश के पूर्व में म्यांमार सीमा पर स्थित है | भारत और म्यांमार के बीच व्यापर एवं परिवहन के लिए यह वर्ष भर खुला रहता है |
  16. तुजू दर्रा – मणिपुर राज्य के दक्षिण पूर्व में स्थित इस दर्रे से इम्फाल से लापू व म्यांमार जाने का मार्ग गुजरता है |
  17. पांग साड दर्रा – यह अरुणाचल प्रदेश को मांडले (म्यांमार ) से जोड़ता है |
  18. थाल घाट – 538 मी ऊँचा यह दर्रा महाराष्ट्र में पश्चिमी घाट की श्रेणियों में स्थित है | यहाँ से दिल्ली मुंबई सड़क मार्ग एवं रेल मार्ग गुजरता है |
  19. भोर घाट – यह महाराष्ट्र राज्य की पश्चिमी घाट की श्रेणियों में स्थित है | पुणे – बेलगाँव सड़क एवं रेलमार्ग यहाँ से गुजरते हैं |
  20. पाल घाट – यह नीलगिरी एवं अन्नामलाई पहाड़ी के मध्य स्थित है इसकी ऊंचाई 305 मी है | कालीकट त्रिचुर से कोयम्बतूर इरोड रेल व सड़क मार्ग यहाँ से होकर गुजरते हैं |

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UGC NET Exam Pattern 2023: UGC NET Exam Pattern The UGC NET (University Grants Commission National Eligibility Test) is a national-level examination conducted in India to determine the eligibility of candidates for the post of Assistant Professor and for the award of Junior Research Fellowship (JRF) in Indian universities and colleges. The exam follows a specific pattern, which includes the following key components:

  1. Exam Format: The UGC NET exam is conducted in two papers – Paper 1 and Paper 2. Both papers are conducted in a computer-based test (CBT) format.
  2. Paper 1: This is a common paper for all candidates and consists of 50 multiple-choice questions (MCQs) designed to test the candidates’ teaching and research aptitude, reasoning ability, comprehension, and general awareness. The total duration of Paper 1 is 3 hours.
  3. Paper 2: Paper 2 is subject-specific and includes 100 MCQs based on the subject chosen by the candidate. This paper evaluates the candidates’ in-depth knowledge of their chosen subject. The total duration of Paper 2 is 3 hours.
  4. Marking Scheme: Each correct answer in both papers carries 2 marks. There is no negative marking for incorrect answers.
  5. Qualifying Criteria: To qualify for the award of JRF or eligibility for Assistant Professorship, candidates must secure the minimum qualifying marks set by UGC. These qualifying marks vary for different categories (General, OBC, SC, ST, etc.) and are based on the aggregate performance of candidates in both Paper 1 and Paper 2.
  6. Syllabus: The syllabus for Paper 2 varies depending on the subject chosen by the candidate. UGC provides a detailed syllabus for each subject, covering various topics and sub-topics.

UGC NET Exam Pattern. UGC NET Exam Pattern 2023. It’s important for candidates to thoroughly understand the UGC NET exam pattern, syllabus, and prepare accordingly to perform well in the examination.


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ASSAM EARTHQUAKE REASON | असम में भूकंप आने का कारण

मार्च 2023 में असम राज्य में भूकंप के लगातार दो झटके महसूस किये गए | इस भूकंप का केंद्र ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण में जोरहट जिले के पास 50किमी कि गहराई में था | भूकंप का पहला झटका सुबह 9 बजे के आस पास एवं दूसरा झटका सुबह 11 बजे के आस पास महसूस किया गया | भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.6 थी

क्या होता है भूकंप

पृथ्वी की सतह के नीचे चट्टानों के संतुलन में अव्यवस्था उत्पन्न होने के कारण पृथ्वी में कम्पन होता है जिसे भूकंप कहा जाता है | जिस स्थान से भूकंप कि तरंगे उत्पन्न होती हैं उसे भूकंप मूल कहा जाता है और जिस स्थान पर पृथ्वी की सतह पर ये सबसे पहले महसूस की जाती है उसे एपीसेंटर कहा जाता है |

भूकंपीय तरंगो के प्रकार

भुँकम्पीय तरंगे मुख्यतः तीन प्रकार कि होती हैं P तरंग , S तरंग एवं L तरंग | इन सबमे Lतरंग सबसे भयंकर और विनाशकारी होती हैं | सबसे पहले P प्रकार की तरंगे उत्पन्न होती हैं उसके पश्चात S एवं सबसे अन्त में L तरंग उत्पन्न होती हैं |

असम भूकंप का कारण

असम भारत के हिमालय क्षेत्र का हिस्सा है | हिमालय नविन मोडदार पर्वत है जिसका उत्थान आज भी जारी है | प्रायद्वीपीय भारतीय प्लेट के यूरोपियन प्लेट के निचे धंसने के कारण हिमालय का उत्थान होता है और इस क्षेत्र में भुकम्प के झटके महसूस किये जाते हैं | इस प्रकार हिमालय क्षेत्र प्लेट टेक्टोनिक के अनुसार प्लेटो की अभिसारी सीमा में स्थित है जो भूगर्भिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र होता है | असम के अलावा सम्पूर्ण हिमालय क्षेत्र में आने वाले भूकंपो का कारण मुख्यतः यही है |

References | सन्दर्भ

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Temperature Inversion

Temperature Inversion | तापमान व्युत्क्रमण

Temperature Inversion | तापमान व्युत्क्रमण: तापमान व्युत्क्रमण को समझना: प्रकार, कारण और निहितार्थ

Temperature Inversion | तापमान व्युत्क्रमण: तापमान व्युत्क्रमण एक मौसम संबंधी घटना है जो हमारे मौसम पैटर्न और वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह तब होता है जब वायुमंडल का सामान्य तापमान ढाल उलट जाता है, जिससे ज़मीन के पास ठंडी हवा गर्म हवा की एक परत के नीचे फंस जाती है। यह ब्लॉग पोस्ट तापमान व्युत्क्रमण के विभिन्न प्रकारों, उनके कारणों और उनके निहितार्थों पर गहराई से चर्चा करता है।

Temperature Inversion | तापमान व्युत्क्रमण: तापमान व्युत्क्रमण क्या है?

सामान्य परिस्थितियों में, ऊँचाई के साथ हवा का तापमान घटता है। हालाँकि, तापमान व्युत्क्रमण के दौरान, ऊँचाई के साथ तापमान बढ़ता है। यह व्युत्क्रमण परत एक ढक्कन की तरह काम करती है, प्रदूषकों को फँसाती है और विभिन्न मौसम और पर्यावरणीय प्रभावों को जन्म देती है।

तापमान व्युत्क्रमण के प्रकार

  1. विकिरण व्युत्क्रमण

विवरण: विकिरण व्युत्क्रमण स्पष्ट, शांत रातों के दौरान होता है। ज़मीन विकिरण के माध्यम से तेज़ी से गर्मी खोती है, जिससे उसके ठीक ऊपर की हवा ठंडी हो जाती है। यह ठंडी हवा गर्म हवा की एक परत के नीचे फँस जाती है।

कारण:

  • रात्रिकालीन विकिरण: विकिरण के कारण रात में जमीन का तेजी से ठंडा होना।
  • शांत हवाएँ: हवा की कमी हवा की परतों के मिश्रण को रोकती है।
  • साफ़ आसमान: बादलों की अनुपस्थिति विकिरणीय शीतलन को बढ़ाती है।

निहितार्थ:

  • कोहरे का बढ़ना।
  • प्रदूषकों का फंसना, जिससे हवा की गुणवत्ता खराब होती है।
  1. एडवेक्शन इनवर्जन

विवरण: एडवेक्शन इनवर्जन तब होता है जब गर्म हवा ठंडी सतह, जैसे ठंडा पानी या बर्फ से ढकी जमीन पर क्षैतिज रूप से चलती है।

कारण:

  • हवा की क्षैतिज गति: गर्म हवा ठंडी सतह पर चलती है।
  • भौगोलिक विशेषताएँ: महासागरों या बर्फ से ढके क्षेत्रों जैसी ठंडी सतहों की उपस्थिति।

निहितार्थ:

  • समुद्री कोहरे के निर्माण को जन्म दे सकता है।
  • तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करता है, खासकर गर्मियों के दौरान।
  1. अवसादन व्युत्क्रम

विवरण: अवसादन व्युत्क्रम उच्च दाब प्रणालियों से जुड़ा हुआ है, जहाँ हवा नीचे उतरती है, गर्म होती है और संपीड़ित होती है, जिससे ठंडी सतह की हवा के ऊपर गर्म हवा की एक परत बनती है।

कारण:

  • उच्च दाब प्रणाली: उच्च दाब क्षेत्रों में अवरोही हवा।
  • संपीड़न तापन: अवरोही हवा का गर्म होना।

निहितार्थ:

  • साफ़ आसमान और स्थिर मौसम।
  • लंबे समय तक चलने वाले व्युत्क्रम जो प्रदूषकों को लंबे समय तक फँसा सकते हैं।
  1. वाताग्र व्युत्क्रम

विवरण: वाताग्र व्युत्क्रम अलग-अलग तापमान वाले दो वायु द्रव्यमानों के बीच की सीमा पर होता है। गर्म हवा वाताग्र सीमा पर ठंडी हवा को ओवरराइड करती है, जिससे एक व्युत्क्रम परत बनती है।

कारण:

  • गर्म मोर्चे: पीछे हटती ठंडी हवा के द्रव्यमान पर गर्म हवा चलती है।
  • ठंडे मोर्चे: ठंडी हवा गर्म हवा को काटती और ऊपर उठाती है।

निहितार्थ:

  • तापमान में तीव्र अंतर।
  • उलट परत पर बादल बनना और वर्षा।
  1. घाटी व्युत्क्रमण

विवरण: यह तब होता है जब ठंडी हवा नीचे उतरती है और घाटी में जमा हो जाती है, जो गर्म हवा की एक परत के नीचे फंस जाती है।

कारण:

  • स्थलाकृति: घाटियों और पहाड़ों की उपस्थिति।
  • रात्रिकालीन शीतलन: रात में घाटियों में हवा का तेजी से ठंडा होना।

निहितार्थ:

  • घाटियों में लगातार कोहरा।
  • शहरी घाटियों में गंभीर वायु प्रदूषण प्रकरण।

तापमान व्युत्क्रमण के कारण

तापमान व्युत्क्रमण विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • रात्रिकालीन विकिरण शीतलन: साफ़ आसमान और शांत हवाएँ सतह पर विकिरण शीतलन को बढ़ाती हैं, जिससे विकिरण व्युत्क्रमण होता है।
  • भौगोलिक विशेषताएँ: घाटियाँ, पहाड़ और ठंडे जल निकाय घाटी और संवहन व्युत्क्रमण में योगदान करते हैं।
  • मौसम प्रणाली: उच्च दबाव प्रणाली और ललाट सीमाएँ अवतलन और ललाट व्युत्क्रमण बनाती हैं।
  • मानव गतिविधियाँ: शहरी ऊष्मा द्वीप और प्रदूषण तापमान व्युत्क्रमण के प्रभावों को बढ़ा सकते हैं।

तापमान व्युत्क्रमण के निहितार्थ

  • वायु गुणवत्ता: व्युत्क्रमण प्रदूषकों को फँसाता है, जिससे धुँआ और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ होती हैं, खासकर शहरी क्षेत्रों में।
  • मौसम पैटर्न: व्युत्क्रमण वातावरण को स्थिर कर सकता है, जिससे लंबे समय तक साफ़ आसमान या लगातार कोहरा बना रहता है।
  • कृषि: कृषि क्षेत्रों में विकिरण व्युत्क्रमण के दौरान फसलों में पाले से नुकसान हो सकता है।
  • विमानन: तापमान व्युत्क्रमण अशांति पैदा कर सकता है और उड़ान संचालन को प्रभावित कर सकता है।

निष्कर्ष

तापमान व्युत्क्रमण को समझना मौसम विज्ञानियों, पर्यावरण वैज्ञानिकों और शहरी योजनाकारों के लिए महत्वपूर्ण है। तापमान व्युत्क्रमण के प्रकारों और कारणों को पहचानकर, हम उनकी घटना का बेहतर अनुमान लगा सकते हैं और वायु गुणवत्ता और मौसम के पैटर्न पर उनके प्रभावों को कम कर सकते हैं। तापमान व्युत्क्रमण हमें हमारे वायुमंडल में नाजुक संतुलन और सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा के लिए सावधानीपूर्वक निगरानी और प्रबंधन की आवश्यकता की याद दिलाता है।


यदि आपके कोई प्रश्न हैं या तापमान व्युत्क्रमण और उनके प्रभावों के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो बेझिझक हमसे संपर्क करें!

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